देश / बीजेपी हारे या जीते, अब वह लंबे समय तक भारतीय राजनीति के केंद्र में रहेगी: प्रशांत किशोर

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है, "बीजेपी हारे या जीते, अब वह भारतीय राजनीति के केंद्र में रहेगी जैसे 40 वर्ष तक कांग्रेस रही थी।" उन्होंने कहा, "संभव है जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटा दे लेकिन बीजेपी कहीं नहीं जाएगी। इसके लिए दशकों संघर्ष करना होगा।" बकौल किशोर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी यही बात नहीं समझते हैं।

Vikrant Shekhawat : Oct 28, 2021, 11:44 AM
नई दिल्ली: भारतीय राजनीति में अगले कई दशकों तक बीजेपी का दबदबा रहने वाला है और मोदी युग के अंत का इंतजार करना कांग्रेस नेता राहुल गांधी की गलती है...यह कहना है चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का। प्रशांति किशोर हाल ही में गोवा दौरे पर थे, जहां उन्होंने साफ कहा कि उनका मानना है कि अगले कई दशकों तक बीजेपी से लड़ना होगा। प्रशांत किशोर फिलहाल बंगाल सीएम ममता बनर्जी के लिए पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहे हैं। 

इसी साल हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी को जीताने के बाद किशोर ने ऐलान किया था कि वह ममता बनर्जी के साथ काम नहीं कर रहे हैं। हालांकि, खबरें यह भी आईं कि प्रशांत किशोर कांग्रेस जॉइन कर सकते हैं लेकिन कई दौर की वार्ता के बाद भी बात न बनने पर अब प्रशांत किशोर एक बार फिर से टीएमसी के साथ काम कर रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले गोवा भी वह टीएमसी की जमीन तलाशने ही पहुंचे हैं। 

दशकों तक बीजेपी के दबदबे की भविष्यवाणी करने के साथ ही प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह संभवतः किसी वहम में हैं कि बीजेपी सिर्फ मोदी लहर तक ही सत्ता मे रहने वाली है।

प्रशांत किशोर ने गोवा के म्यूजियम में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'बीजेपी चाहे जीते या हारे, लेकिन वह भारतीय राजनीति के केंद्र में रहेगी। ठीक वैसे ही जैसे कांग्रेस के 40 साल थे। बीजेपी कहीं नहीं जा रही। एक बार आप भारत में 30 फीसदी वोट पा लेते हैं तो आप इतनी जल्दी कहीं नहीं जा रहे। इसलिए इस चक्रव्यूह में कभी न फंसे कि लोग गुस्सा हो रहे हैं और वे मोदी को उखाड़ फेकेंगे। हो सकता है लोग मोदी को हटा दें, लेकिन बीजेपी फिर भी कहीं नहीं जा रही। आपके अगले कई दशकों तक बीजेपी का सामना करना पड़ेगा।' 

'मोदी की ताकत समझ नहीं रहे राहुल'

प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, 'राहुल गांधी के साथ यही समस्या है। संभवतः, वह सोचते हैं कि यह कुछ समय की बात है, जब तक लोग मोदी को सत्ता से बेदखल न कर दें। यह नहीं होने वाला।' प्रशांत किशोर ने कहा, 'जब तक आप मोदी की ताकत समझ नहीं लेते और उनकी मजबूती को मान नहीं लेते, तब तक आप उनका सामना नहीं कर पाएंगे। मुझे जो समस्या दिखती है वह यह है कि लोग मोदी की ताकतों को समझने में ज्यादा समय नहीं दे रहे, वे ये नहीं समझ रहे कि मोदी इतने पॉप्युलर कैसे हो रहे हैं। अगर आपको यह पता होगा, तब ही आप उनका सामना कर सकेंगे।'

'मोदी के हटने का इंतजार कर रहे कांग्रेसी'

कांग्रेस पार्टी बीजेपी और नरेंद्र मोदी का भविष्य किस तरह देखती है, इसपर किशोर ने कहा, 'आप कांग्रेस के किसी भी नेता के पास चले जाइए, वे आपसे कहेंगे कि यह कुछ समय की बात है, लोग तंग आ रहे हैं, सत्ता विरोधी लहर आएगी और लोग मोदी को हटा देंगे। मुझे इसपर शक है, यह नहीं होने जा रहा है।' प्रशांत किशोर ने यह उदाहरण भी दिया कि कैसे मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दामों में इतनी बढ़ोतरी कर दी और उनके खिलाफ जनता में कोई बड़ा आक्रोश तक नहीं दिखा। 

'कांग्रेस के पतन का कारण वोटों का बंटवारा'

प्रशांत किशोर ने देश में वोटरों के बंटे होने पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, 'अगर आप मतदाताओं के स्तर पर देखों तो यह एक तिहाई और दो तिहाई के बीच की लड़ाई है। सिर्फ एक तिहाई जनता ही बीजेपी के लिए वोट कर रही है या बीजेपी को सपोर्ट करना चाहती है। समस्या यह है कि दो तिहाई वाला हिस्सा 10, 12 या 15 राजनीतिक पार्टियों के बीच बंटा है और कांग्रेस के पतन की यही सबसे बड़ी वजह है। 65 प्रतिशत वोटर बंट गए हैं, इसलिए कांग्रेस नीचे आती जा रही है।'