Vikrant Shekhawat : May 15, 2022, 11:46 AM
Buddha Purnima 2022: पंचांग के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर साल वैशाख पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. ऐतिहासिक स्रोतों से पता चलता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था तथा इसी तिथि को उन्हें कठिन साधना के बाद बुद्धत्व की प्राप्ति भी हुई थी. इस लिए यह तिथि बौद्ध धर्म के अलावा हिंदू धर्म में भी बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है. लोक मान्यता है भगवान बुद्ध, भगवान श्री विष्णु के अंतिम और 9वें अवतार थे. बुद्ध पूणिमा के दिन इस बार साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के बाद स्नान करके दान दिया जाता है. वैशाख पूर्णिमा के दिन भी पवित्र नदी में स्नान करने और दान देने का महत्व शास्त्रों में बताया गया है.
Buddha Purnima 2022: धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि को महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था।
बुद्ध पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त
बुद्ध पूर्णिमा 2022 -साल 2022 में 16 मई, सोमवार को वैशाख माह की पूर्णिमा है। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 15 मई को दोपहर बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 16 मई को 09 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।
बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि-पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व माना गया है। बुद्ध पूर्णिमा के सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और बहते पानी में तिल प्रवाहित करें। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। इस दिन दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है।
बुद्ध पूर्णिमा व्रत के फायदे-धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रदर्शन किए बिना व्रत पूरा नहीं होता। इसलिए इस दिन चंद्रदेव के दर्शन जरूरी होते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की उपासना करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। इस दिन दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
Buddha Purnima 2022: धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि को महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था।
बुद्ध पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त
- बुद्ध पूर्णिमा प्रारंभ- 15 मई को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से शुरू
- बुद्ध पूर्णिमा समाप्त- 16 मई को 9 बजकर 45 मिनट तक
बुद्ध पूर्णिमा 2022 -साल 2022 में 16 मई, सोमवार को वैशाख माह की पूर्णिमा है। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 15 मई को दोपहर बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 16 मई को 09 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।
बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि-पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व माना गया है। बुद्ध पूर्णिमा के सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और बहते पानी में तिल प्रवाहित करें। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। इस दिन दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है।
बुद्ध पूर्णिमा व्रत के फायदे-धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रदर्शन किए बिना व्रत पूरा नहीं होता। इसलिए इस दिन चंद्रदेव के दर्शन जरूरी होते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की उपासना करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। इस दिन दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।