Vikrant Shekhawat : May 16, 2022, 07:57 AM
Chandra Grahan 2022: साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) आज है। आज सुबह 07 बजकर 58 मिनट पर चंद्र ग्रहण प्रारंभ हो जाएगा। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण हिंदू कैलेंडर की तिथि वैशाख पूर्णिमा को लगा है। पूर्णिमा तिथि 15 मई को दोपहर 12:45 बजे से शुरु हुई थी, जो आज 16 मई सोमवार को सुबह 09:43 बजे खत्म होगी। आज वैशाख पूर्णिमा व्रत है और चंद्र देव पर ग्रहण भी। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा की जाती है। आज चंद्र ग्रहण के समापन के बाद आप स्नान आदि से निवृत होकर शाम को चंद्रमा की पूजा करते हैं, तो चंद्र दोष दूर हो सकता है। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बता रहे हैं चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) का समय, सूतक काल, स्थान और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें।
साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहणआज का चंद्र ग्रहण सुबह 07 बजकर 58 मिनट पर लग रहा है और यह 11 बजकर 25 मिनट पर खत्म हो जाएगा। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 03 घंटे 27 मिनट की है। 03 घंटे 27 मिनट तक चंद्रमा पर राहु और केतु की बुरी दृष्टि रहेगी। उसके बाद ग्रहण का मोक्ष हो जाएगा।चंद्र ग्रहण का सूतक कालचंद्र ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ से 09 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है और इसका समापन ग्रहण के खत्म होने के साथ होता है, लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल नहीं होगा।इन जगहों पर दिखेगा चंद्र ग्रहणसाल का पहला चंद्र ग्रहण उत्तर-दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा।चंद्र ग्रहण में ध्यान रखें ये बातेंचंद्र ग्रहण में भोजन न करें और न ही भोजन पकाएं। इस दौरान सोना भी मना होता है। इस समय में भगवान की भक्ति करें। गर्भवती महिलाएं भी विशेष ध्यान रखें। भोजन बना हुआ है, तो उसमें में गंगाजल और तुलसी की पत्ती डाल दें, ताकि वह शुद्ध हो जाए। ग्रहण खत्म होने पर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। फिर पूजा पाठ करें।चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दानआज का चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा व्रत के दिन लगा है। ऐसे में आप पूजा के समय चंद्र देव के बीज मंत्र ॐ सों सोमाय नम: का जप करें। उसके बाद चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं जैसे मोती, सफेद कपड़ा, चावल, दही, चीनी, सफेद फूल आदि का दान करें। ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और चंद्र दोष दूर होता है।चंद्र ग्रहण 2022 राशियों पर प्रभावमेष: स्त्री को कष्टवृष: सुखमिथुन: मानसिक व शरीर रोग की चिन्ताकर्क: संतान कष्ट, अवसाद की स्थितिसिंह: अप्राप्त लक्ष्मी की प्राप्तिकन्या: धन-क्षतितुला: दुर्घटना का प्रबल योगवृश्चिक: मानहानिधनु: अप्रत्याशित लाभमकर: सुखकुंभ: स्त्री कष्ट, अपयशमीन: मृत्युतुल्य पीड़ाग्रहण के अनिष्ट फल से बचने के लिए दानकांसे या फूल के पात्र में काला तिल, सफ़ेद वस्त्र, दही, मिश्री, चांदी का चन्द्रमा दान करके दरिद्रनारायण को दे दें।
साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहणआज का चंद्र ग्रहण सुबह 07 बजकर 58 मिनट पर लग रहा है और यह 11 बजकर 25 मिनट पर खत्म हो जाएगा। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 03 घंटे 27 मिनट की है। 03 घंटे 27 मिनट तक चंद्रमा पर राहु और केतु की बुरी दृष्टि रहेगी। उसके बाद ग्रहण का मोक्ष हो जाएगा।चंद्र ग्रहण का सूतक कालचंद्र ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ से 09 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है और इसका समापन ग्रहण के खत्म होने के साथ होता है, लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल नहीं होगा।इन जगहों पर दिखेगा चंद्र ग्रहणसाल का पहला चंद्र ग्रहण उत्तर-दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा।चंद्र ग्रहण में ध्यान रखें ये बातेंचंद्र ग्रहण में भोजन न करें और न ही भोजन पकाएं। इस दौरान सोना भी मना होता है। इस समय में भगवान की भक्ति करें। गर्भवती महिलाएं भी विशेष ध्यान रखें। भोजन बना हुआ है, तो उसमें में गंगाजल और तुलसी की पत्ती डाल दें, ताकि वह शुद्ध हो जाए। ग्रहण खत्म होने पर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। फिर पूजा पाठ करें।चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दानआज का चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा व्रत के दिन लगा है। ऐसे में आप पूजा के समय चंद्र देव के बीज मंत्र ॐ सों सोमाय नम: का जप करें। उसके बाद चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं जैसे मोती, सफेद कपड़ा, चावल, दही, चीनी, सफेद फूल आदि का दान करें। ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और चंद्र दोष दूर होता है।चंद्र ग्रहण 2022 राशियों पर प्रभावमेष: स्त्री को कष्टवृष: सुखमिथुन: मानसिक व शरीर रोग की चिन्ताकर्क: संतान कष्ट, अवसाद की स्थितिसिंह: अप्राप्त लक्ष्मी की प्राप्तिकन्या: धन-क्षतितुला: दुर्घटना का प्रबल योगवृश्चिक: मानहानिधनु: अप्रत्याशित लाभमकर: सुखकुंभ: स्त्री कष्ट, अपयशमीन: मृत्युतुल्य पीड़ाग्रहण के अनिष्ट फल से बचने के लिए दानकांसे या फूल के पात्र में काला तिल, सफ़ेद वस्त्र, दही, मिश्री, चांदी का चन्द्रमा दान करके दरिद्रनारायण को दे दें।