Karnataka Government / 'भैंस कट सकती हैं तो गाय क्यों नहीं', कर्नाटक सरकार के मंत्री का बयान

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार राज्य की पिछली बोम्मई सरकार की ओर से लाए गए गोहत्या और मवेशी संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2020, कानून में संसोधन का विचार कर रही है. कर्नाटक के पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान मंत्री के वेंकटेश का एक बयान भी कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं. वेंकटेश ने कानून में संशोधन को किसानों के हित में बताते हुए कहा कि अगर भैंसें काटी जा सकती हैं तो फिर गाय क्यों नहीं?

Karnataka Government: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार राज्य की पिछली बोम्मई सरकार की ओर से लाए गए गोहत्या और मवेशी संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2020, कानून में संसोधन का विचार कर रही है. कर्नाटक के पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान मंत्री के वेंकटेश का एक बयान भी कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं. वेंकटेश ने कानून में संशोधन को किसानों के हित में बताते हुए कहा कि अगर भैंसें काटी जा सकती हैं तो फिर गाय क्यों नहीं?

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के पशुपालन मंत्री ने अपने तर्क को सही ठहराने की कोशिश करते हुए कहा कि किसानों को बूढ़ें हो चुके मवेशियों को रखने और मौत के बाद उनके शव को डिस्पोज करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होने खुद का उदाहरण देते हुए दावा किया कि हाल ही में उनके फार्म हाउस में मरी गाय के शव को ठिकाने लगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

कर्नाटक न्म पशुओं को लेकर कानून में संशोधन और फिर बिल वापस लेना का सिलसिला कोई नया नहीं है. बीएस येदियुरप्पा पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने 1964 के अधिनियम में संशोधन करते हुए साल 2010 और 2012 में गो बिल पेश किए थे. हालांकि, इसके बाद राज्य में जब कांग्रेस की सरकार आई तब उसने बिल को वापस ले लिया था. इसके बाद बोम्मई सरकार आई थी उसने फिर से संशोधन कर दिया और अब कानून को फिर से पलटने की चर्चा चल रही है.

मंत्री ने 1964 के कानून को दिया हवाला

उन्होंने 1964 के अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि इसमें बैलों और भैंसों को काटने की अनुमति देते है जबकि नया कानून गाय, बछड़ा और सभी उम्र के बैल और 13 साल से कम उम्र की भैंसों को काटने पर रोक लगाता है. उन्होंने कहा कि जब कानून बैलों और भैंसों को काटने की अनुमति देता तो फिर गांयों को क्यों नहीं काट सकते हैं.

गौरतलब है कि फरवरी 2021 में विधानसभा में काफी हंगामे के बीच बोम्मई सरकार ने कर्नाटक गोहत्या की रोकथाम और मवेशियों का संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2020 को ध्वनि मत से पारित कर दिया था. विपक्षी पार्टियों ने बिल का विरोध किया था और सदन में विधेयक की प्रतियों को फाड़ते भी नजर आए थे.

जल्द अध्यादेश लेकर आ सकती है सिद्धारमैया सरकार

अब जब सरकार बदल गई है तो इस कानून को वापस लेने की चर्चा तेज हो गई है. कर्नाटक की राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर जोरों से चर्चा चल रही है कि नई सिद्धारमैया सरकार जल्द ही इसे वापस लेने के लिए अध्यादेश लेकर आ सकती है. कर्नाटक के पशुपालन मंत्री का यह बयान भी इस ओर इशारा कर रहा है कि इस संबंध में नई सरकार जल्द ही कुछ कदम उठा सकती है.