देश / बुलेट ट्रेन परियोजना के चेयरमैन बर्खास्त, बैचमेट ने ही लगाए गंभीर आरोप

केंद्र सरकार ने आज एक अचानक निर्णय लिया। अपनी महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रमुख सतीश अग्निहोत्री को बर्खास्त कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के रूप में कार्यरत अग्निहोत्री को भ्रष्टाचार के आरोप में तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है।

Vikrant Shekhawat : Jul 07, 2022, 10:09 PM
New Delhi : केंद्र सरकार ने आज एक अचानक निर्णय लिया। अपनी महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रमुख सतीश अग्निहोत्री को बर्खास्त कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के रूप में कार्यरत अग्निहोत्री को भ्रष्टाचार के आरोप में तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। 

7 जुलाई, 2022 के एक आदेश में कहा गया है कि तीन महीने की अवधि के लिए NHSRCL में निदेशक (परियोजना) के रूप में कार्यरत भारतीय रेलवे सेवा इंजीनियर (IRSE) के राजेंद्र प्रसाद को NHSRCL के प्रबंध निदेशक के पद की जिम्मेदारी दई गई है। यह आदेश कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से या अगले आदेश तक जो भी पहले हो लागू होगा।

एनएचएसआरसीएल के प्रवक्ता ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अग्निहोत्री के खिलाफ आरोपों के बारे में पूछे जाने पर रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अग्निहोत्री 1982 बैच के IRSE अधिकारी हैं और उन्हें पिछले साल जुलाई में NHSRCL का CMD नियुक्त किया गया था। 

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि अग्निहोत्री को 2011 में हुए एक मामले के लिए निलंबित कर दिया गया है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “लोकायुक्त को कई शिकायतें मिलने के बाद उक्त अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया है। इस मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है।''

इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, "शिकायतकर्ता अग्निहोत्री का बैचमेट है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जब अग्निहोत्री रेल विकास निगम लिमिटेड में थे तो उन्होंने उस कंपनी को ठेका दिया था, जिसमें उनका बेटा काम करता था। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि रिटायरमेंट के बाद अग्निहोत्री तय अवधि से पहले एक निजी कंपनी में शामिल हो गए। नियमों के अनुसार एक सरकारी अधिकारी एक वर्ष से पहले एक निजी फर्म में शामिल नहीं हो सकता है।''  मंत्रालय के एक दूसरे अधिकारी ने हालांकि कहा कि अग्निहोत्री ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है।