Vikrant Shekhawat : Jun 08, 2023, 07:57 AM
WTC Final: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का फाइनल मुकाबला 7 जून से शुरू हो गया है। पहले दिन भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। शुरुआती तीन विकेट भारत ने जिस तरह से झटके, लग रहा था कि यह फैसला काफी हद तक सही है। 76 रन पर भारतीय गेंदबाजों ने ख्वाजा, वॉर्नर और लाबुशेन का विकेट झटक लिया था। पर उसके बाद ट्रेविस हेड और स्टीव स्मिथ ने ऐसा खूटा गाढ़ा कि भारतीय गेंदबाज दिन की आखिरी गेंद तक चौथे विकेट के लिए तरसते रह गए।ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक तीन विकेट खोकर 327 रन बना लिए थे। शानदार शतकीय पारी खेलकर हेड 146 बनाकर नाबाद थे। वहीं स्टीव स्मिथ अपने शतक से सिर्फ 4 रन दूर रह गए थे। दोनों ने दिन का खेल खत्म होने तक चौथे विकेट के लिए 251 रनों की साझेदारी कर ली थी। अब सवाल यही है कि क्या कप्तान रोहित शर्मा से बड़ी चूक हो गई है? इसको हम नहीं कह रहे बल्कि आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। इंग्लैंड में इससे पहले भारतीय टीम ने 38 बार टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी जिसमें से 20 बार उसे हार झेलनी पड़ी और सिर्फ तीन बार जीत मिली। यह आंकड़े डरा रहे हैं और हर भारतीय फैन के जहन में एक ही डर है, कहीं सपना टूट ना जाए!यह आंकड़े डरावने हैं...इंग्लैंड में तो भारत ने 38 में से सिर्फ तीन मैच जीते जब पहले टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया। वहीं ओवरऑल भारतीय टीम ने 57 बार टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी है और सिर्फ 9 बार ही उसे जीत मिली है। जबकि सभी 20 बार हार उसे इंग्लैंड में ही मिली है। यह आंकड़े निश्चित ही डरा रहे हैं। भारतीय टीम के सभी फैंस को उम्मीद है कि 10 साल का आईसीसी ट्रॉफी का इंतजार पूरा होगा। पर यहां जो पहले दिन घटा उसने सभी की उम्मीदों को कहीं ना कहीं गहरा झटका दिया है।अश्विन को क्यों नहीं मिला मौका?रविचंद्रन अश्विन को इस महामुकाबले के लिए टीम में जगह नहीं मिली। भारत के लिए मौजूदा समय में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज बेंच पर बैठा है। इस पर कई दिग्गजों ने गुस्सा जताया। पिछले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी भारतीय टीम से प्लेइंग 11 चुनने में चूक हुई थी। वहां कप्तान कोहली ने पिच को सही से रीड ना करते हुए तीन पेसर और दो स्पिनर खिलाए थे। पर यहां ओवल में पिच का मिजाज अलग है। इस हिसाब से सुनील गावस्कर सरीखे दिग्गजों को मानना था कि टीम को अपनी स्ट्रेंथ के साथ ही उतरना चाहिए थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह तब और सवाल उठे जब चौथे गेंदबाज के रूप में उमेश यादव पहले दिन पूरी तरह विफल साबित हुए।