महाराष्ट्र / कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने को लेकर महाराष्ट्र के बीजेपी प्रमुख के खिलाफ केस दर्ज

महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने की मांग को लेकर पुणे में प्रदर्शन करने वाले महाराष्ट्र के बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल, पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल और अन्य के खिलाफ कोविड-19 नियमों के उल्लंघन को लेकर केस दर्ज किया गया है। इन लोगों ने प्रदर्शन के लिए अनुमति मांगी थी लेकिन प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया था।

Vikrant Shekhawat : Sep 02, 2021, 07:16 AM
पुणे: महाराष्ट्र के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, पुणे शहर के मेयर मुरलीधर मोहोल, शहर भाजपा अध्यक्ष जगदीश मुलिक व अन्य के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। आरोप है कि इन नेताओं ने 30 अगस्त को राज्य में मंदिर पुन: खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, उस दौरान कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन किया गया।

एक साल से बंद हैं मंदिर

बता दें, कोरोना महामारी के कारण महाराष्ट्र में एक साल से ज्यादा समय से बंद पड़े मंदिरों को खोलने के लिए भाजपा ने राज्य में फिर आंदोलन शुरू कर दिया है। सोमवार को प्रदेश भाजपा आध्यात्मिक प्रकोष्ठ की ओर से राज्यभर के प्रमुख मंदिरों में घंटानाद और शंखनाद आंदोलन कर मंदिरों के कपाट खोलने की मांग की गई।

महाराष्ट्र सरकार जोखिम मोल लेने के लिए तैयार नहीं

राज्य में मंदिर खोलने के लिए मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक, नागपुर, पंढरपुर, औरंगाबाद और अन्य स्थानों पर सोमवार को पूरे दिन भाजपा के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया, जहां आंदोलनकारियों ने सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए घंटे बजाए और शंखनाद किया। इस दौरान भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में भी लिया गया। हालांकि इस विरोध प्रदर्शन के बावजूद अक्तूबर-नवंबर में संभावित कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।

चंद्रकांत पाटिल ने सरकार के तर्क पर सवाल उठाया

पुणे में शंखनाद आंदोलन के नेतृत्व करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मंदिरों को बंद रखने के सरकार के तर्क पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि मंदिरों को बंद रखने और शराब की दुकानों को खुला रखना कितना तर्कसंगत है। 

अन्ना हजारे ने भी किया है मंदिर खोलने का समर्थन

प्रसिद्ध समाजसेवी और गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने भी कुछ दिन पहले मंदिर नहीं खोलने के लिए राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार के रूख पर सवाल उठाया था। उन्होंने जानना चाहा था कि राज्य सरकार मंदिर क्यों नहीं खोल रही है? इससे राज्य सरकार को क्या खतरा है? अगर कोविड-19 की वजह है तो शराब की दुकानों के बाहर लंबी कतारें हैं। अन्ना ने मंदिरों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए आंदोलन के लिए अपना समर्थन दिया था।