Vikrant Shekhawat : Jun 03, 2021, 06:29 AM
नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार (Central government) ने पेंशन के नियमों में संशोधन किया है। सरकार ने सिविल सेवकों के लिए देश की आंतरिक सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया है। इसके मुताबिक, सिक्योरिटी और इंटेलीजेंस ऑर्गेनाइजेशन के रिटायर्ड अधिकारियों अपने ऑर्गेनाइजेशन हेड की मंजूरी के बिना संस्थान से संबंधित कुछ भी प्रकाशित नहीं कर सकते हैं। यानी कि पेंशन नियमों (Pension Rules) में संसोधन के बाद, खुफिया या सुरक्षा से संबंधित संगठनों से रिटायर्ड अधिकारी बिना इजाजत किसी भी कंटेंट को प्रकाशित नहीं कर सकते हैं। अगर वे बिना अनुमति के ऐसा करते हैं तो उनकी पेंशन रोक दी जाएगी।
अधिकारी तय करेंगे सामग्री संवेदनशील है या नहींसंशोधित नियमों के अनुसार, जिम्मेदार अधिकारी को यह तय करने का अधिकार होगा कि प्रकाशन के लिए प्रस्तावित सामग्री संवेदनशील है या असंवेदनशील है। साथ ही यह देखेंगे कि यह सामग्री संगठन के क्षेत्राधिकार में आता है या नहीं। यानी संबंधित ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख यह तय करेंगे कि प्रकाशन के लिए मामला संवेदनशील है या नहीं या ऑर्गेनाइजेशन के डोमेन में आता है।केंद्रीय सिविल सेवा (Pension) नियम, 1972 में संशोधन करते हुए डीओपीटी ने एक क्लॉज जोड़ा है। इसमें कहा गया है कि सेवानिवृत्ति पर आरटीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में शामिल संगठनों में काम करने वालों को ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख से पूर्व मंजूरी के बिना संगठन के डोमेन से संबंधित कुछ भी प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।ये नियम इन संस्थानों पर होंगे लागूसंशोधित नियम इंटेलीजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सीबीआई, राजस्व खुफिया निदेशालय, एविएशन रिसर्च सेंटर, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, असम राइफल्स, सशस्त्र सीमा बल, स्पेशल ब्रांच (सीआईडी), अंडमान और निकोबार, क्राइम ब्रांच-सीआईडी-सीबी, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, बॉर्डर रोड़ डेवलपमेंट बोर्ड और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के संस्थानों के कर्मचारियों पर लागू किया गया है।
अधिकारी तय करेंगे सामग्री संवेदनशील है या नहींसंशोधित नियमों के अनुसार, जिम्मेदार अधिकारी को यह तय करने का अधिकार होगा कि प्रकाशन के लिए प्रस्तावित सामग्री संवेदनशील है या असंवेदनशील है। साथ ही यह देखेंगे कि यह सामग्री संगठन के क्षेत्राधिकार में आता है या नहीं। यानी संबंधित ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख यह तय करेंगे कि प्रकाशन के लिए मामला संवेदनशील है या नहीं या ऑर्गेनाइजेशन के डोमेन में आता है।केंद्रीय सिविल सेवा (Pension) नियम, 1972 में संशोधन करते हुए डीओपीटी ने एक क्लॉज जोड़ा है। इसमें कहा गया है कि सेवानिवृत्ति पर आरटीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में शामिल संगठनों में काम करने वालों को ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख से पूर्व मंजूरी के बिना संगठन के डोमेन से संबंधित कुछ भी प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।ये नियम इन संस्थानों पर होंगे लागूसंशोधित नियम इंटेलीजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सीबीआई, राजस्व खुफिया निदेशालय, एविएशन रिसर्च सेंटर, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, असम राइफल्स, सशस्त्र सीमा बल, स्पेशल ब्रांच (सीआईडी), अंडमान और निकोबार, क्राइम ब्रांच-सीआईडी-सीबी, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, बॉर्डर रोड़ डेवलपमेंट बोर्ड और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के संस्थानों के कर्मचारियों पर लागू किया गया है।