News18 : Dec 24, 2019, 02:56 PM
नई दिल्ली। रिटायरमेंट (Retirement) के बाद पेंशन (Pension) का पैसा लोगों की जिंदगी में एक बहुत बड़ा तोहफा होता है। यही वजह है कि सरकार समय-समय पर पेंशन के नियमों में बदलाव कर करती रहती है। इसीलिए, सरकारी पेंशन स्कीम एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS-National Pension System) में बड़ा बदलाव करने की तैयारी है। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए (PFRDA-Pension Fund Regulatory & Development Authority of India) ने एक फरवरी 2020 को पेश होने वाले बजट में एनपीएस में 1 लाख रुपये तक के निवेश पर कर छूट दिए जाने की सिफारिश की है। मौजूदा समय में व्यक्तिगत करदाताओं को 50,000 रुपये तक के निवेश पर कर लाभ मिलता है।पेंशन स्कीम में 4 बड़े बदलाव की तैयारी
(1) पीएफआरडीए के पूर्णकालिक सदस्य सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने पीटीआई से कहा है कि बजट के लिए हम यह देख रहे हैं कि क्या एनपीएस के तहत मौजूदा 50,000 रुपये तक के निवेश पर कर छूट को बढ़ाकर 1 लाख रुपये तक किया जा सकता है।
(2) बंदोपाध्याय ने कहा, इसके अलावा हम अटल पेंशन योजना के तहत उम्र सीमा बढ़ाकर 40 से 60 करने का आग्रह कर रहे हैं। फिलहाल अटल पेंशन योजना 18 से 40 वर्ष के लोग ले सकते हैं।
3) अटल पेंशन योजना में मौजूदा अधिकतम पेंशन सीमा 5,000 रुपये को बढ़ाकर 10,000 रुपये मासिक करने को कहा है।(4) पीएफआरडीए ने सरकार से एनपीएस के तहत सरकारी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए टैक्स फ्री 14 फीसदी योगदान के प्रावधान को सभी कैटेगिरी के लिए बढ़ाने का भी आग्रह किया है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 14 फीसदी नियोक्ता का योगदान एक अप्रैल 2019 से टैक्स फ्री है। राज्य सरकार और स्वायत्त निकायों के मामले में नियोक्ता की ओर से किया जाने वाला 10 फीसदी योगदान टैक्स मुक्त है और शेष 4 फीसदी पर टैक्स लगता है जो कर्मचारी को देना पड़ता है।
आपको बता दें कि नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम (What is NPS National Pension Systems) है, जिसे केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था। इस तारीख के बाद ज्वाइन करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना अनिवार्य है। साल 2009 के बाद से इस योजना को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए भी खोल दिया गया।
अब सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाला कोई भी कर्मचारी अपनी मर्जी से इस योजना में शामिल हो सकता है। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी एनपीएस का एक हिस्सा निकाल सकते हैं और बाकी रकम से रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए एनुइटी ले सकते हैं। इससे क्या होगा- एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, अटल पेंशन स्कीम के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा।सरकार ने देश भर में पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) बनाए हैं, जिनमें एनपीएस अकाउंट खुलवाया जा सकता है। देश के लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों को पीओपी बनाया गया है। आप पेंशन फंड रेगुलेटरी एवं डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) की बेवसाइट के जरिये https://www।npscra।nsdl।co।in/pop-sp।php भी प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस तक पहुंच सकते हैं। किसी भी बैंक के नजदीकी ब्रांच में भी खाता खुलवाया जा सकता है। खाता खुलवाने के लिए ये हैं जरूरी दस्तावेज -एड्रेस प्रूफ, आइडेंटिटी प्रूफ, बर्थ सर्टिफिकेट या दसवीं कक्षा का सर्टिफिकेट, सब्सक्राइबर रजिस्ट्रेशन फॉर्मइस योजना में दो तरह के अकाउंट होते हैं। टियर 1 और टियर 2। हर सब्सक्राइबर को एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) उपलब्ध कराया जाता है, जिस पर 12 अंकों का एक नंबर होता है। यही नंबर सभी लेन-देन में काम आता है।
(1) पीएफआरडीए के पूर्णकालिक सदस्य सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने पीटीआई से कहा है कि बजट के लिए हम यह देख रहे हैं कि क्या एनपीएस के तहत मौजूदा 50,000 रुपये तक के निवेश पर कर छूट को बढ़ाकर 1 लाख रुपये तक किया जा सकता है।
(2) बंदोपाध्याय ने कहा, इसके अलावा हम अटल पेंशन योजना के तहत उम्र सीमा बढ़ाकर 40 से 60 करने का आग्रह कर रहे हैं। फिलहाल अटल पेंशन योजना 18 से 40 वर्ष के लोग ले सकते हैं।
3) अटल पेंशन योजना में मौजूदा अधिकतम पेंशन सीमा 5,000 रुपये को बढ़ाकर 10,000 रुपये मासिक करने को कहा है।(4) पीएफआरडीए ने सरकार से एनपीएस के तहत सरकारी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए टैक्स फ्री 14 फीसदी योगदान के प्रावधान को सभी कैटेगिरी के लिए बढ़ाने का भी आग्रह किया है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 14 फीसदी नियोक्ता का योगदान एक अप्रैल 2019 से टैक्स फ्री है। राज्य सरकार और स्वायत्त निकायों के मामले में नियोक्ता की ओर से किया जाने वाला 10 फीसदी योगदान टैक्स मुक्त है और शेष 4 फीसदी पर टैक्स लगता है जो कर्मचारी को देना पड़ता है।
आपको बता दें कि नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम (What is NPS National Pension Systems) है, जिसे केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था। इस तारीख के बाद ज्वाइन करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना अनिवार्य है। साल 2009 के बाद से इस योजना को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए भी खोल दिया गया।
अब सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाला कोई भी कर्मचारी अपनी मर्जी से इस योजना में शामिल हो सकता है। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी एनपीएस का एक हिस्सा निकाल सकते हैं और बाकी रकम से रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए एनुइटी ले सकते हैं। इससे क्या होगा- एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, अटल पेंशन स्कीम के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा।सरकार ने देश भर में पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) बनाए हैं, जिनमें एनपीएस अकाउंट खुलवाया जा सकता है। देश के लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों को पीओपी बनाया गया है। आप पेंशन फंड रेगुलेटरी एवं डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) की बेवसाइट के जरिये https://www।npscra।nsdl।co।in/pop-sp।php भी प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस तक पहुंच सकते हैं। किसी भी बैंक के नजदीकी ब्रांच में भी खाता खुलवाया जा सकता है। खाता खुलवाने के लिए ये हैं जरूरी दस्तावेज -एड्रेस प्रूफ, आइडेंटिटी प्रूफ, बर्थ सर्टिफिकेट या दसवीं कक्षा का सर्टिफिकेट, सब्सक्राइबर रजिस्ट्रेशन फॉर्मइस योजना में दो तरह के अकाउंट होते हैं। टियर 1 और टियर 2। हर सब्सक्राइबर को एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) उपलब्ध कराया जाता है, जिस पर 12 अंकों का एक नंबर होता है। यही नंबर सभी लेन-देन में काम आता है।