Vikrant Shekhawat : Nov 16, 2021, 07:35 AM
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने माना है कि वर्चुअल करेंसी (Crypto Currency) पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन इसका नियमन यानी रेगुलेशन जरूरी है. वित्त मंत्रालय के एक समूह और उद्योग जगत के बीच बैठक में यह राय निकल आई है. यह बैठक ऐसे वक्त हुई है, जब इसके कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक अधिकारियों के साथ की थी, जिसमें वर्चुअल करेंसी (cryptocurrency) के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया था. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और उससे जुड़े जोखिम को लेकर चिंता जताई जाती रही है.नकद के इस विकल्प को लेकर पहली बार गठित संसदीय समूह ने इस मुद्दे पर विचार किया. वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार किया. इस संसदीय समिति के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा हैं.दरअसल, भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और इससे जुड़े जोखिम को लेकर विभिन्न समूहों द्वारा समय-समय पर चिंता जताई गई है. इस बैठक में एक आमराय बनी कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक नियामकीय व्यवस्था होना जरूरी है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नियामक यानी रेगुलेटर की भूमिका में कौन होगा. बैठक के दौरान निवेशकों के निवेश की सुरक्षा का मुद्दा छाया रहा.एक सांसद ने अखबारों में क्रिप्टोकरेंसी के पूरे पेज के विज्ञापन को लेकर भी चिंता जताई. हालांकि कुछ विशेषज्ञों का कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी भी एक तरह का निवेश है, जिसकी आजादी होनी चाहिए. उन्होंने इसे ब्लॉकचेन (Blockchain) का हिस्सा बताया.