उत्तर प्रदेश / चंबल नदी ने मचाई तबाही, बाढ़ से 17 गांव डूबे, पांच हजार लोगों ने किया पलायन, ग्रामीणों ने टीलों पर गुजारी रात

चंबल में आई बाढ़ ने बुधवार को तबाही मचा दी। खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही नदी के रौद्र रूप में बाह और पिनाहट ब्लॉक के 17 गांव डूब गए। खतरे को आसन्न देख करीब पांच हजार से ज्यादा ग्रामीण गांवों से पलायन कर गए। उन्होंने टीलों पर खुले में रात गुजारी। बाढ़ में आठ हजार हेक्टेयर फसल डूब गई है। वहीं रास्ते जलमग्न होने से गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया।

Vikrant Shekhawat : Aug 24, 2022, 10:49 PM
उत्तर प्रदेश | चंबल में आई बाढ़ ने बुधवार को तबाही मचा दी। खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही नदी के रौद्र रूप में बाह और पिनाहट ब्लॉक के 17 गांव डूब गए। खतरे को आसन्न देख करीब पांच हजार से ज्यादा ग्रामीण गांवों से पलायन कर गए। उन्होंने टीलों पर खुले में रात गुजारी। बाढ़ में आठ हजार हेक्टेयर फसल डूब गई है। वहीं रास्ते जलमग्न होने से गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया। गांव झरनापुरा के ग्रामीणों को मोटरबोट से निकाला गया। जबकि समीपवर्ती धौलपुर में बाढ़ से निपटने को सेना बुलाकर मदद ली गई। प्रशासन ने इलाके में आठ बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं।  

कोटा बैराज से 12 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद बुधवार रात करीब 10 बजे नदी का जलस्तर 134 मीटर को पार कर गया। जबकि खतरे का निशान 130 मीटर पर है। इलाके के 17 से अधिक गांवों के स्कूल, खेत खलिहान और घर डूब गए। बाह के मऊ की मढै़या, गोहरा, रानी पुरा, भटपुरा, गुढ़ा, झरना पुरा, डगोरा, कछियारा, रेहा, उमरैठापुरा का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है। बेबस लोगों का गांव से पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का सिलसिला जारी था। वहीं पुरा शिवलाल, पुरा डाल, पुरा भगवान, धांधू पुरा, बीच का पुरा, कएडी, जगतूपुरा, कुंवर खेड़ा, बासौनी, जेबरा, कमौनी, उदयपुर खुर्द, खेड़ा राठौर, महुआशाला, नंदगवां, बाघराज पुरा, कोरथ आदि गांवों में बाढ़ का पानी लगातार भर रहा था। बाढ़ प्रभावित गांवों की बिजली भी काट दी गई है। 

डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों से लोगों को निकालकर सुरक्षित व ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित गांवों के स्कूल बंद करा दिए गए हैं। प्रशासन की टीमें क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। बाह में कंट्रोल रूम खोल दिया गया है। 

तेजी से हो रहा गांवों से पलायन

बाढ़ प्रभावित 38 गांवों के ग्रामीण अनाज, आटा सहित दैनिक उपयोगी वस्तुओं को लेकर पलायन कर ऊंचे टीलों पर विस्थापित हो रहे हैं। बच्चे, महिलाएं और पुरुष ट्रैक्टर-ट्रॉली और सिरों पर सामान ढोने में जुटे हैं। वहीं प्रशासन की टीमें ग्रामीणों को गांव से बाहर निकालने में जुटी हुई थीं। आठ बाढ़ चौकियों पर तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित पुलिस तैनात कर दी गई है। आपातकालीन स्थिति के लिए मोटर बोट का संचालन शुरू करा दिया है। 

बाढ़ प्रभावित गांवों की बिजली काटी 

एसडीओ जैतपुर मनमोहन शर्मा ने बताया कि बाढ़ को देखते हुए एहतियातन देवपुरा फीडर के गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा तथा अभयपुरा फीडर के गुढ़ा गांव की बिजली काट दी है। अंधेरे में डूबे इन गांवों के लोगों को अब वन्यजीवों के हमले का डर सता रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के पानी के साथ घड़ियाल, मगरमच्छ, सांप आदि गली और घरों तक आ जाते हैं।