पंचांग-पुराण / चाणक्य नीति: किसी भी अच्छे-बुरे व्यक्ति को परखने के लिए सटीक हैं ये 5 उपाय

आज की दुनिया में किसी को देखकर या सालों साथ रहने के बाद भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि कब कौन बदल जाएगा। किसी भी व्यक्ति को परखने के लिए सबसे पहले उसकी त्याग क्षमता देखनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति दूसरों के सुख के लिए खुद के सुख का त्याग कर सकता है तो वह निसंदेह श्रेष्ठ व्यक्ति होता है। तथा महिलाओं के प्रति उसकी सोच कैसी है यह भी जान लेना चाहिए।

Live Hindustan : Dec 11, 2019, 01:17 PM
आज की दुनिया में  किसी को देखकर या सालों साथ रहने के बाद भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि कब कौन बदल जाएगा। ऐसे में किसी को परखना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। चाणक्य नीति के अनुसार ऐसी कई बातें बताई गई हैं, जिनका प्रयोग करके हम किसी भी व्यक्ति को परख सकते हैं। आइए, डालते हैं एक नजर- 

त्याग की भावना 

किसी भी व्यक्ति को परखने के लिए सबसे पहले उसकी त्याग क्षमता देखनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति दूसरों के सुख के लिए खुद के सुख का त्याग कर सकता है तो वह निसंदेह श्रेष्ठ व्यक्ति होता है। जिन लोगों में त्याग की भावना का अभाव होता है, वे कभी भी श्रेष्ठ इंसान नहीं बन पाते हैं। त्याग की भावना के बिना व्यक्ति किसी का भला नहीं कर पाता।

महिलाओं के प्रति सोच 

कोई व्यक्ति आपका कितना भी अच्छा मित्र क्यों न हो, अगर उसके विचार महिलाओं के प्रति गलत है या वो उन्हें बुरी नजरों से देखता है, तो इसका अर्थ यह है कि वो अवसर मिलने पर आपके घर की स्त्रियों पर भी बुरी नजर डालने और कोई गलत आचरण करने से नहीं चूकेगा। ऐसा व्यक्ति कभी सही हो ही नहीं सकता। 

चरित्र 

व्यक्ति को परखने की प्रक्रिया में दूसरी बात है चरित्र देखना चाहिए। जिन लोगों का चरित्र बेदाग है यानी जो लोग बुराइयों से दूर रहते हैं और दूसरों के प्रति गलत भावनाएं नहीं रखते हैं, वे श्रेष्ठ होते हैं। यदि किसी व्यक्ति का चरित्र दूषित है और विचार पवित्र नहीं हैं तो उनसे दूर रहना चाहिए।

गुण 

परखने की प्रक्रिया में तीसरी बात है व्यक्ति के गुण देखना चाहिए। सामान्यत: सभी लोगों में कुछ गुण और कुछ अवगुण होते हैं, लेकिन जिन लोगों में अवगुण अधिक होते हैं, उनसे दूर रहना चाहिए। अवगुण यानी अधिक क्रोध करना, बात-बात पर झूठ बोलना, दूसरों का अपमान करना, अहंकार आदि। जिन लोगोंमें ऐसे अवगुण होते हैं, वे श्रेष्ठ इंसान नहीं माने जाते। 

कर्म

अंतिम बात यह है कि किसी व्यक्ति के कर्मों का भी अवलोकन करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति गलत तरीके से धन अर्जित करता है या अधार्मिक काम करता है तो उन लोगों से दूर रहना श्रेष्ठ होता है। गलत काम करने वाला इंसान अपने आसपास रहने वाले लोगों पर भी बुरा असर डालता है। साथ ही, ऐसे लोगों की मित्रता के कारण हम भी फंस सकते हैं।