AajTak : May 02, 2020, 12:43 PM
उत्तराखंड: कोरोना वायरस की महामारी के बीच देश में लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन के बीच ई एजेंडा का मंच सजा है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन से निकलने और आर्थिक चुनौतियों से निपटने की रणनीति बताई। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी लॉकडाउन से बाहर आने की रणनीति पर बात की।
लॉकडाउन के बीच खुले बाबा केदारनाथ के कपाट और चार धाम की यात्रा के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोग दर्शन करें। देश के हालात ठीक हों, हम बाबा केदार से यह प्रार्थना करते हैं। बाबा केदारनाथ के दर्शन कब से श्रद्धालु कर पाएंगे, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 मई से प्रदेश के सभी ग्रीन जोन को पूरी तरह से खोल दिया जाएगा। जो भक्त वहां जाना चाहें, 4 मई से जा पाएंगे। ये सभी प्रदेश के ही होंगे
उन्होंने यह भी साफ किया कि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और नियमों का पालन करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह समय आएगा, जब हम भयमुक्त होकर बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकें। 2012 की आपदा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि रौनक फिर लौटेगी। ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था के संबंध में उन्होंने कहा कि विग्रह स्थल पर कैमरे की व्यवस्था नहीं है। समाज में परंपराओं का महत्व है। मंदिर का बाहर से दर्शन कराया जा सकता है।
मुख्यमंत्री रावत ने साथ ही यह भी कहा कि विग्रह स्थल का ऑनलाइन दर्शन कराने के लिए पुजारी समाज से बात कर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सख्ती और सतर्कता के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। जहां जरूरी हुआ, वहां सख्ती बरती और सतर्कता भी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 मार्च को पहला मामला सामने आने के साथ ही हमने स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।
लॉकडाउन के बीच खुले बाबा केदारनाथ के कपाट और चार धाम की यात्रा के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोग दर्शन करें। देश के हालात ठीक हों, हम बाबा केदार से यह प्रार्थना करते हैं। बाबा केदारनाथ के दर्शन कब से श्रद्धालु कर पाएंगे, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 मई से प्रदेश के सभी ग्रीन जोन को पूरी तरह से खोल दिया जाएगा। जो भक्त वहां जाना चाहें, 4 मई से जा पाएंगे। ये सभी प्रदेश के ही होंगे
उन्होंने यह भी साफ किया कि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और नियमों का पालन करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह समय आएगा, जब हम भयमुक्त होकर बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकें। 2012 की आपदा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि रौनक फिर लौटेगी। ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था के संबंध में उन्होंने कहा कि विग्रह स्थल पर कैमरे की व्यवस्था नहीं है। समाज में परंपराओं का महत्व है। मंदिर का बाहर से दर्शन कराया जा सकता है।
मुख्यमंत्री रावत ने साथ ही यह भी कहा कि विग्रह स्थल का ऑनलाइन दर्शन कराने के लिए पुजारी समाज से बात कर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सख्ती और सतर्कता के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। जहां जरूरी हुआ, वहां सख्ती बरती और सतर्कता भी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 मार्च को पहला मामला सामने आने के साथ ही हमने स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।