PAK-CHINA / मदद के बहाने चीन ने उठाया फायदा, कंगाल पाकिस्तान पर चली नई चाल

पाकिस्तान के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. देश दाने-दाने को मोहताज हो रहा है. ऐसे में चीन और पाकिस्तान की ऑल वेदर फ्रेंडशिप की एक नई मिसाल देखने को मिल रही है. हालांकि माना जाता है कि चीन बिना फ़ायदे के कुछ नहीं करता. मौजूदा पाकिस्तान के हालात के मद्देनजर ठप से पड़े CPEC प्रोजेक्ट को नई जान देने में वो कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता.

Vikrant Shekhawat : Feb 10, 2023, 08:38 PM
नई दिल्ली. पाकिस्तान के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. देश दाने-दाने को मोहताज हो रहा है. ऐसे में चीन और पाकिस्तान की ऑल वेदर फ्रेंडशिप की एक नई मिसाल देखने को मिल रही है. हालांकि माना जाता है कि चीन बिना फ़ायदे के कुछ नहीं करता. मौजूदा पाकिस्तान के हालात के मद्देनजर ठप से पड़े CPEC प्रोजेक्ट को नई जान देने में वो कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता. लिहाजा पाकिस्तान के हालात को देखते हुए चीन से पाकिस्तान को जाने वाले सड़क को अस्थाई तौर पर खोल दिया गया है. बता दें कि खुनजेराब पोर्ट 15 हजार फीट की उंचाई में चीन और पाकिस्तान के बीच दुनिया का सबसे बड़ा लैंड बॉर्डर क्रॉसिग है.

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की तत्काल जरूरत और अन्य आपूर्ति को देखते हुए खुनजेराब पोर्ट को समय से पहले खोल दिया गया. इस बात को सुनिश्चित किया गया कि पाकिस्तान कार्गो आसानी से कस्टम क्लियर हो सके. एक बार नहीं बल्कि इस साल अब तक दो बार इस पोर्ट को अस्थायी तौर पर खोला गया. पहले 19 और 20 जनवरी को दो दिन के लिए खोला गया था जिसमें कुल 40 कार्गो यूनिट पास हुआ. दूसरी बार 30 जनवरी से 10 फ़रवरी के लिए खोला गया.

दिसंबर से मार्च तक बंद रहता है रास्ता

हाई ऑलटेट्यूड, कम तापमान और कम ऑक्सिजन वाले इस इलाके को सर्दियों में 1 दिसंबर से 1 मार्च तक बंद रखा जाता है. भारत में बर्फ पड़ने के चलते बड़े कार्गो ट्रक का संचालन बहुत मुश्किल होता है और इस पास से किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होती, लेकिन पाकिस्तान की मौजूदा जरूरत को देखते हुए  इस पोर्ट को खोला गया है. किराने का सामान , ऑटो पार्टस, पॉलिएस्टर कपड़े और अन्य सामान से लदे 300 से ज़्यादा ट्रैक चीन की तरफ से गिलगित बालटिस्तान में पहुंचे.

ये रोड इसलिए सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि शी जिनपिंग के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के बीआरआई का एक महत्वपूर्ण कड़ी है, क्योकि इसके जरिए चीन पाकिस्तान में CPEC लेकर ग्वादर तक जा रहा है. लेकिन पाकिस्तान के जो मौजूदा हालात है एसे में ये प्रोजेक्ट मानो ठप पड़ा है और चीन के इस प्रोजेक्ट को लेकर गिलगित बालटिस्तान में जबरदस्त विरोध है. ऐसे में माना जा रहा है कि मानवीय सहायता के नाम पर चीन पाकिस्तान की आवाम के दिल में खुद के लिए एक सॉफ़्ट कॉर्नर बनाना चाहता है, ताकी उसके प्रोजेक्ट में आने वाली अड़चनें कम हो जाए.