Vikrant Shekhawat : Dec 23, 2021, 09:51 PM
बीजिंग: चीन ने गुरुवार को जर्मन नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल (Vice admiral) के-अचिम शॉनबैक की उस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जिसमें कहा गया था कि बीजिंग की नौसैन्य शक्ति का निर्माण चिंता का कारण है क्योंकि वह हर 4 साल में पूरी फ्रांसीसी नौसेना के बराबर अपनी नौसेना का आकार बढ़ा रहा है. 'चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति विस्फोटक'चीन ने इस टिप्पणी पर कहा कि इस तरह की चिंताएं गलत हैं. शॉनबैक ने बुधवार को सिंगापुर में कहा था कि चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति ‘विस्फोटक’ है और चिंता का विषय है. उन्होंने चीन से अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित आदेश का पालन करने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि चीन हर 4 साल में पूरी फ्रांसीसी नौसेना के बराबर अपनी नौसेना का आकार बढ़ा रहा है. आपको बता दें कि चीन दक्षिण चीन सागर (South China Sea) के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है. इसके अन्य दावेदारों में वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान शामिल हैं. इन देशों को नहीं होगा चीन से खतराशॉनबैक की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस तरह की चिंताओं की कोई आवश्यकता है.’ उन्होंने दावा किया कि चीन विश्व शांति का निर्माता है. चीन अपने वैध राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए अपनी सैन्य क्षमता विकसित कर रहा है.’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘कोई भी देश जब तक चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालने या नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं रखता है, उसे चीन के राष्ट्रीय रक्षा बलों से कभी भी खतरा नहीं होगा.’ चीन ने किया अपनी सेनाओं का विस्तारचीनी नौसेना को वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली नौसेना के रूप में माना जाता है, जिसमें मासिक आधार पर नए जहाजों को बेड़े में शामिल किया जाता है. राष्ट्रपति शी. जिनपिंग द्वारा समर्थित एक नए सैन्य सिद्धांत के तहत चीनी सेना ने अपने ग्लोबल इफेक्ट को बढ़ाने के लिए अपनी नौसेना और वायु सेना का कई गुना विस्तार किया है.