Shenzhou-19 Spacecraft: चीन ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए बुधवार को शेनझोउ-19 मिशन को लॉन्च किया। इस मिशन के तहत तीन अंतरिक्ष यात्री छह महीने के मिशन पर तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए हैं। इस मिशन में शामिल एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि चीन की पहली महिला अंतरिक्ष इंजीनियर भी इस टीम का हिस्सा हैं, जो अपने करियर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर रही हैं। चीन की यह अंतरिक्ष यात्रा 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने और वहां एक स्थायी आधार स्थापित करने के उद्देश्य से की जा रही है।
सफलतापूर्वक हुआ लॉन्च
चीन मानवयुक्त अंतरिक्ष एजेंसी (CMSA) के अनुसार, यह मिशन चीन के उत्तर पश्चिमी जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से बुधवार सुबह 4:27 बजे (बीजिंग समय) लॉन्च किया गया। लॉन्च के केवल 10 मिनट बाद शेनझोउ-19 यान अपने रॉकेट से अलग होकर निर्धारित कक्षा में प्रवेश कर गया। CMSA के अनुसार, सभी एस्ट्रोनॉट्स पूरी तरह सुरक्षित हैं, और मिशन की शुरुआत पूरी तरह सफल रही।
मिशन में कौन-कौन शामिल?
शेनझोउ-19 के चालक दल में मिशन कमांडर काई ज़ुजे, एस्ट्रोनॉट्स सोंग लिंगडोंग और वांग हाओजे शामिल हैं। वांग हाओजे, चीन की पहली महिला अंतरिक्ष उड़ान इंजीनियर, इस मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। काई ज़ुजे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने 2022 में शेनझोउ-14 मिशन के माध्यम से अंतरिक्ष में यात्रा की थी। वहीं, सोंग और वांग अपने पहले अंतरिक्ष अनुभव के लिए जा रहे हैं।
अंतरिक्ष में चुनौतियों का सामना
मिशन में एस्ट्रोनॉट्स के सामने कई तकनीकी और विज्ञान से जुड़ी चुनौतियां हैं। इनमें विभिन्न वैज्ञानिक परीक्षण, प्रोटेक्टिव डिवाइसेज़ की स्थापना और अतिरिक्त उपकरणों का उपयोग शामिल है। CMSA के प्रवक्ता लिन ज़िकियांग के अनुसार, इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष जीवन विज्ञान, माइक्रोग्रैविटी मौलिक भौतिकी, अंतरिक्ष सामग्री विज्ञान, स्पेस मेडिसिन, और नई प्रौद्योगिकियों के शोध पर जोर दिया जाएगा।
कब होगी वापसी?
CMSA के अनुसार, शेनझोउ-19 के एस्ट्रोनॉट्स अगले साल अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में वापस लौटेंगे, और उनकी लैंडिंग उत्तरी चीन के इनर मंगोलिया क्षेत्र में डोंगफेंग साइट पर होगी। इसके अलावा, CMSA ने अप्रैल में बताया था कि चीन ने अपने अंतरिक्ष स्टेशन में 130 से अधिक वैज्ञानिक शोध और एप्लीकेशन प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की है, जो आगे के मिशनों की नींव रखेंगे।चीन का यह मिशन वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में उसकी मजबूत होती स्थिति को दर्शाता है। इसके माध्यम से न केवल नई तकनीकों का विकास होगा, बल्कि चीन की अंतरिक्ष यात्रियों की आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी। 2030 तक चंद्रमा पर एक स्थायी आधार का सपना लेकर, चीन ने अंतरिक्ष के इस सफर में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।