AajTak : Jul 08, 2020, 09:05 AM
भारत से तनातनी के बीच एक चीनी कंपनी ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में जल विद्युत परियोजना स्थापित करने के लिए पाकिस्तान से 1।5 बिलियन डॉलर का करार किया है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक CPEC परियोजना के तहत PoK में चीनी कंपनी हाइड्रो पावर प्लांट बनाएगी। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक समारोह में "आज़ाद पत्तन जलविद्युत परियोजना" के लिए चीनी कंपनी जिओझाबा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए।यह हाइड्रो पावर प्लांट झेलम नदी पर पीओके के सदनोटी जिले में बनाया जाएगा जिसके साल 2026 में पूरा होने की उम्मीद है। CPEC जो चीन के शिनजियांग प्रांत के साथ बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को जोड़ता है, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का प्रमुख हिस्सा है। मूल रूप से 46 बिलियन डॉलर की इस CPEC परियोजना को लेकर भारत ने चीन का विरोध किया है क्योंकि यह PoK से होकर गुजर रहा है जो भारतीय भूभाग है। इस हिस्से पर पाकिस्तान ने कब्जा जमा रखा है। इस साल की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान को बताया गया है कि गिलगित और बाल्टिस्तान के क्षेत्रों सहित पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं। इस्लामाबाद को अपने अवैध कब्जे के तहत क्षेत्रों को तुरंत खाली कर देना चाहिए।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक CPEC परियोजना के तहत PoK में चीनी कंपनी हाइड्रो पावर प्लांट बनाएगी। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक समारोह में "आज़ाद पत्तन जलविद्युत परियोजना" के लिए चीनी कंपनी जिओझाबा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए।यह हाइड्रो पावर प्लांट झेलम नदी पर पीओके के सदनोटी जिले में बनाया जाएगा जिसके साल 2026 में पूरा होने की उम्मीद है। CPEC जो चीन के शिनजियांग प्रांत के साथ बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को जोड़ता है, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का प्रमुख हिस्सा है। मूल रूप से 46 बिलियन डॉलर की इस CPEC परियोजना को लेकर भारत ने चीन का विरोध किया है क्योंकि यह PoK से होकर गुजर रहा है जो भारतीय भूभाग है। इस हिस्से पर पाकिस्तान ने कब्जा जमा रखा है। इस साल की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान को बताया गया है कि गिलगित और बाल्टिस्तान के क्षेत्रों सहित पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं। इस्लामाबाद को अपने अवैध कब्जे के तहत क्षेत्रों को तुरंत खाली कर देना चाहिए।