DeepSeek AI News / चीन के DeepSeek AI ने अरबपतियों को दिया बड़ा झटका, डूब गए 9.34 लाख करोड़

चीन ने DeepSeek AI मॉड्यूल पेश कर एआई क्षेत्र में तहलका मचा दिया है। इस मॉड्यूल की लागत मात्र 6 मिलियन डॉलर है। इसकी वजह से अमेरिकी टेक अरबपतियों को भारी नुकसान हुआ, जिससे 500 अरबपतियों की कुल संपत्ति में $108 बिलियन की गिरावट दर्ज की गई।

Vikrant Shekhawat : Jan 28, 2025, 10:30 AM
DeepSeek AI News: चीन ने एआई तकनीक की दुनिया में एक नया अध्याय जोड़ते हुए अपने DeepSeek AI मॉड्यूल को पेश किया है, जिसने वैश्विक बाजारों में तहलका मचा दिया है। सोमवार को जैसे ही यह खबर फैली कि चीन ने यह उन्नत एआई मॉडल बेहद कम लागत में विकसित किया है, अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयर गिरने लगे और दुनिया भर के अरबपतियों की संपत्ति में भारी गिरावट दर्ज की गई।

अरबपतियों की संपत्ति पर बड़ा झटका

चीन के इस कदम से टेक सेक्टर के अरबपतियों पर गहरा असर पड़ा। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार, कुल 500 अरबपतियों की संपत्ति में $108 बिलियन (लगभग ₹9.34 लाख करोड़) की गिरावट आई। सबसे ज्यादा नुकसान एनवीडिया के को-फाउंडर जेनसेन हुआंग और ओरेकल कॉर्प के को-फाउंडर लैरी एलिसन को हुआ।

  • एनवीडिया के जेनसेन हुआंग की संपत्ति में $20.1 बिलियन की गिरावट आई, जिससे उनकी कुल संपत्ति $101 बिलियन रह गई।
  • ओरेकल के लैरी एलिसन को $22.6 बिलियन का नुकसान झेलना पड़ा और उनकी नेटवर्थ घटकर $186 बिलियन हो गई।

एलन मस्क और अन्य टेक लीडर्स पर असर

चीन के इस कदम ने सिर्फ जेनसेन हुआंग और लैरी एलिसन को ही नहीं, बल्कि अन्य प्रमुख टेक अरबपतियों को भी झकझोर दिया:

  • एलन मस्क की संपत्ति में $6.7 बिलियन की कमी आई।
  • गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन को क्रमशः $6.3 बिलियन और $5.9 बिलियन का नुकसान हुआ।
  • बाईनांस के को-फाउंडर चानपेंग झाओ की संपत्ति $12.1 बिलियन घट गई।
  • डेल इंक के माइकल डेल ने $13 बिलियन का घाटा सहा।

अमेरिकी बाजारों में गिरावट

चीन के DeepSeek AI के सामने आने के बाद अमेरिकी बाजारों में भी उथल-पुथल मच गई। नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स में 3.1% और एसएंडपी 500 इंडेक्स में 1.5% की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट ने अमेरिकी टेक कंपनियों को गहरे संकट में डाल दिया।

DeepSeek AI की खासियत

चीन के DeepSeek AI मॉडल की सबसे बड़ी खासियत इसकी बेहद कम लागत और तेजी से तैयार होने वाला डिजाइन है।

  • इस एआई मॉड्यूल को तैयार करने में केवल $6 मिलियन (₹50 करोड़) खर्च हुए।
  • इसे केवल दो महीने में विकसित किया गया।
  • इसकी तुलना में, OpenAI, Microsoft और Google जैसे वैश्विक दिग्गजों ने अपने एआई मॉडल तैयार करने में सालों का समय और अरबों डॉलर का निवेश किया।

चीन के कदम का महत्व

चीन का यह कदम न केवल एआई की दुनिया में उसकी बढ़ती ताकत को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक टेक इंडस्ट्री के संतुलन को भी चुनौती देता है। DeepSeek AI ने यह साबित किया है कि तकनीकी विकास के लिए सिर्फ भारी निवेश ही नहीं, बल्कि सस्ते और तेज समाधान भी गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।

निष्कर्ष

चीन का DeepSeek AI मॉड्यूल न केवल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति लेकर आया है, बल्कि यह एक ऐसा उदाहरण भी पेश करता है, जो साबित करता है कि सही रणनीति और दक्षता के साथ, बड़े खिलाड़ी भी अस्थिर हो सकते हैं। अमेरिकी बाजार और अरबपतियों पर इसका असर आने वाले समय में एआई इंडस्ट्री में और बड़े बदलावों का संकेत दे सकता है।