DeepSeek AI News / DeepSeek AI की बढ़ी मुश्किल, इस देश में होगी चीनी स्टार्टअप कंपनी पर कार्रवाई

चीनी स्टार्टअप DeepSeek AI पर यूजर डेटा प्राइवेसी को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इटली, अमेरिका सहित कई देशों में बैन हो चुका यह AI टूल अब यूरोपीय डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड (EDPB) के निशाने पर है। फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम जैसे देशों में भी इस पर प्रतिबंध लग सकता है।

DeepSeek AI News: चीनी स्टार्टअप DeepSeek AI के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अपने पहले AI मॉडल के लॉन्च के साथ ही दुनिया भर में सुर्खियां बटोरने वाली यह कंपनी अब कई देशों की निगरानी में आ गई है। यूजर्स के डेटा प्राइवेसी को लेकर उठ रहे सवालों के चलते इटली और अमेरिका समेत कई देशों में इस AI टूल पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। अब यूरोपीय डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड (EDPB) भी इस पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है।

DeepSeek AI के खिलाफ बढ़ती जांच

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोप के विभिन्न राष्ट्रीय नियामकों द्वारा DeepSeek AI की गहन जांच की जा रही है। नेशनल प्राइवेसी रेगुलेटर ने इस चीनी कंपनी पर यूजर डेटा की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। AI टूल द्वारा निजी डेटा के इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट नीति की कमी के कारण फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम और लग्जमबर्ग जैसे कई यूरोपीय देशों में इसे प्रतिबंधित करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इटली पहले ही इस AI टूल पर प्रतिबंध लगा चुका है।

EDPB की सख्त कार्रवाई की योजना

यूरोपीय डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि कई डेटा सुरक्षा एजेंसियों ने DeepSeek AI के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। आने वाले समय में इस पर और भी कई कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। गौरतलब है कि EDPB ने अप्रैल 2023 में AI टूल्स के माध्यम से यूजर डेटा के दुरुपयोग की जांच के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया था। शुरुआत में यह टास्क फोर्स केवल माइक्रोसॉफ्ट समर्थित OpenAI के ChatGPT पर ध्यान केंद्रित कर रही थी, लेकिन अब DeepSeek AI भी उनकी जांच के दायरे में आ चुका है।

यूरोपीय यूनियन की डेटा सुरक्षा नीति

यूरोपीय संघ (EU) हमेशा से ही यूजर डेटा सुरक्षा को लेकर सतर्क रहा है। नागरिकों की गोपनीयता और अधिकारों की सुरक्षा के लिए 2018 में जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) लागू किया गया था, जिसे दुनिया के सबसे सख्त डेटा सुरक्षा कानूनों में से एक माना जाता है। इस कानून के तहत कंपनियों को यूजर्स की सहमति के बिना उनके डेटा का उपयोग करने की अनुमति नहीं होती।

भारत में भी AI टूल्स को लेकर सख्ती

भारतीय वित्त मंत्रालय ने भी हाल ही में DeepSeek AI और ChatGPT जैसे AI टूल्स के उपयोग को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन गाइडलाइंस का उद्देश्य यूजर डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिससे गोपनीय जानकारी का गलत इस्तेमाल न हो सके।

निष्कर्ष

DeepSeek AI के खिलाफ बढ़ती वैश्विक कार्रवाई इस बात का संकेत है कि विभिन्न देश अब डेटा प्राइवेसी को लेकर अधिक सतर्क हो रहे हैं। AI टूल्स की शक्ति के साथ उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ रही है, और कंपनियों को अपने डेटा उपयोग की पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी। यूरोपीय यूनियन और अन्य देशों की सख्ती से यह स्पष्ट है कि भविष्य में AI कंपनियों को और अधिक नियामक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।