Business News / चीन का घट रहा है ग्लोबल इकोनॉमी में दबदबा, अमेरिका और भारत का है जलवा

अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है और ग्लोबल इकॉनमी में उसका योगदान बढ़ता ही जा रहा है. आईएमएफ के अनुसार, अमेरिका की हिस्सेदारी 26% तक पहुंचने की संभावना है, जो इससे पहले के दो दशकों में सबसे अधिक है. एक दशक पहले अमेरिका की हिस्सेदारी यूरोपियन यूनियन और ब्रिटेन से भी अधिक थी, लेकिन अब अमेरिका का योगदान उनके कम्बाइंड कंट्रिब्यूशन से भी अधिक हो गया है.

Vikrant Shekhawat : May 04, 2024, 08:06 AM
Business News: अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है और ग्लोबल इकॉनमी में उसका योगदान बढ़ता ही जा रहा है. आईएमएफ के अनुसार, अमेरिका की हिस्सेदारी 26% तक पहुंचने की संभावना है, जो इससे पहले के दो दशकों में सबसे अधिक है. एक दशक पहले अमेरिका की हिस्सेदारी यूरोपियन यूनियन और ब्रिटेन से भी अधिक थी, लेकिन अब अमेरिका का योगदान उनके कम्बाइंड कंट्रिब्यूशन से भी अधिक हो गया है.

इस बीच चीन की हिस्सेदारी घट रही है और 2024 में यह 17% तक कम होने की संभावना है. अमेरिका और चीन के बीच अंतर बढ़ रहा है और अमेरिका की गतिशीलता और स्थिरता का प्रमाण है. करीब दो दशक तक चीन ने विश्व की फैक्ट्री की भूमिका निभाई थी, लेकिन आज यह कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है. रियल एस्टेट सेक्टर की गहरी संकट में चीन का करीब तीसरा हिस्सा समाया हुआ है, और इसके डूबने से वहां का बैंकिंग सेक्टर भी प्रभावित हो रहा है.

चाइना प्लस वन की पॉलिसी

विदेशी कंपनियों और निवेशक अब चीन की ओर से मुंह मोड़ रहे हैं, जबकि कई विदेशी कंपनियां “चाइना प्लस वन” की पॉलिसी को अपना रही हैं. बेरोजगारी की समस्या तेजी से वहां पर बढ़ रही है, और चीन-अमेरिका तनाव भी कम नहीं हो रहा है. कई मुद्दों पर चीन और अमेरिका के बीच तनाव है, और चीन सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कठोर नियमों को बढ़ावा दिया है, जिससे विदेशी कंपनियों को उसकी धरती में उत्सर्ग की तय सीमाओं का सामना करना पड़ रहा है.

चीन की घट रही हिस्सेदारी

साल 2006 में यूरोपियन यूनियन और ब्रिटेन का योगदान ग्लोबल इकॉनमी में 30% था, जो अब करीब 21% तक आ गया है. चीन की हिस्सेदारी भी 2006 में पांच फीसदी थी, जो 2020 में लगभग 19% तक बढ़ गई थी, लेकिन 2021 से यह लगातार गिरावट का सामना कर रही है और इस साल उसकी हिस्सेदारी का अनुमान 17% तक होने का है. इसी दौरान जापान की हिस्सेदारी भी घटकर लगभग 4% तक रहने का अनुमान है.

साल 2006 में जापान की हिस्सेदारी लगभग आठ फीसदी थी. भारत की हिस्सेदारी ग्लोबल इकॉनमी में लगातार बढ़ रही है और इस साल उसकी जापान के बराबर चार फीसदी पर पहुंचने का अनुमान है. भारत अभी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी है और जल्द ही उसके जापान को पीछे छोड़ने की उम्मीद है.

आईटी सेक्टर निभा रहा बड़ी भूमिका

भारत में इस समय लगभग सभी सेक्टर में तेजी देखी जा रही है, लेकिन कुछ सेक्टर ऐसे हैं जो टॉप परफॉर्मर की भूमिका निभा रहे हैं. उनमें पहले नंबर आईटी है, उसके बाद हेल्थकेयर, एफएमसीजी, रिन्यूएबल एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर हैं. आईटी सेक्टर की बात करें तो स्टेटिस्टा की रिपोर्ट कहती है कि अभी यह 26.73 बिलियन डॉलर के मार्केट साइज वाला सेक्टर है, जो 2029 तक 44 बिलियन डॉलर का सेक्टर हो जाएगा.

इस पर एमिटी सॉफ्टवेयर में काम कर रहे एक सीनियर टेक एक्सपर्ट से जब हमने पूछा कि उन्हें क्या लगता है अभी आईटी सेक्टर में कितनी तेजी देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि अभी मार्केट में सॉफ्टवेयर को लेकर काफी डिमांड देखी जा रही है. इंडियन कंपनियों को अमेरिका, कनाडा और दूसरे मुल्क से भी प्रोजेक्ट मिल रहे हैं. इसका एक कारण कम कीमत में बेस्ट सर्विस का मुहैया करना है. वह बताते हैं कि उनकी कंपनी भी इसी पर फोकस करती है.