India-China / इस क्षेत्र हर महीने पा रही एक ठेका, 44 महीनों में नेशनल ग्रिड समेत 46 शहरों में की घुसपैठ!

भारत में बढ़ रहे चीनी निवेश को नियंत्रित करने में सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। खासकर देश के पावर सेक्टर में हाल के सालों में जिस तरह से चीन की कंपनियों का दबदबा बढ़ा है, वह चौंकाने वाला है। इंडस्ट्री डाटा के अनुसार, चाइनीज कंपनियां पावर के रणनीतिक तौर पर अहम सेक्टर ‘पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन’ में अपनी घुसपैठ तेजी से बढ़ा रही हैं।

Jansatta : Jul 19, 2020, 10:41 PM
India-China: भारत में बढ़ रहे चीनी निवेश को नियंत्रित करने में सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। खासकर देश के पावर सेक्टर में हाल के सालों में जिस तरह से चीन की कंपनियों का दबदबा बढ़ा है, वह चौंकाने वाला है। इंडस्ट्री डाटा के अनुसार, चाइनीज कंपनियां पावर के रणनीतिक तौर पर अहम सेक्टर ‘पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन’ (T&D) में अपनी घुसपैठ तेजी से बढ़ा रही हैं।

बता दें कि अगस्त 2016 से इस साल मार्च तक चीनी कंपनियों ने नेशनल ग्रिड में इंटेलीजेंट कंट्रोल सिस्टम (Supervisory Control and Data Acquisition (SCADA)) इंस्टॉल करने के कम से कम 46 शहरों में ठेके लिए हैं। SCADA के इन कॉन्ट्रैक्ट में से 5 राज्यों के 23 शहरों में चीन की डोंगफांग इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन को ही मिले हैं। चीन की डोंगफांग कॉरपोरेशन चीन सरकार का पूरा नियंत्रण बताया जाता है।

इसके अलावा ZTT, शेनजेन SDG इन्फॉर्मेशन कंपनी और टोंगुआन ग्रुप कंपनियों ने भी मिलकर Real Time Data Acquitision System जिसे Reliable Communication through Optical Ground Wire भी कहा जाता है, उसके 23 ठेके पाए हैं। ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क किसी भी देश के पावर सेक्टर की रीढ माना जाता है।

वहीं पावर सेक्टर में SCADA और रियल टाइम कम्यूनिकेशंस सिस्टम की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये दोनों सिस्टम पावर नेटवर्क को स्मार्ट बनाते हैं और सिस्टम के नर्वस सिस्टम के तौर पर काम करते हैं। इन सिस्टम की गोपनियता किसी भी पावर ग्रिड की सिक्योरिटी के लिए बेहद अहम है।

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन  के निदेशक-जनरल सुनील मिश्रा का कहना है कि “पावर का कनेक्टिड सिस्टम में इंटेलीजेंट इक्विपमेंट आपस में कम्यूनिकेट करते हैं और डाटा और जानकारी का आदान प्रदान भी करते हैं। इससे सिस्टम ज्यादा असरकारक बनता है लेकिन साथ ही यह काफी संवेदनशील भी हो जाता है। ऐसे में यदि यह गलत व्यक्ति, कंपनी या देश के नियंत्रण में आ जाए तो वह इसका फायदा भी उठा सकते हैं।”

देश के पावर ग्रिड सेक्टर में चीनी कंपनियों के बढ़ते दबदबे के चलते ही अब ऊर्जा मंत्रालय ने चीन से बिना इजाजत के इक्विपमेंट के आयात पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन के इक्विपमेंट अब आयात के बाद लैब में टेस्ट भी किए जाएंगे ताकि उनमें कोई मालवेयर या जासूसी का वायरस एंबेड तो नहीं किया गया है, इसका पता भी लगाया जा सके।