News18 : Apr 02, 2020, 04:45 PM
बीजिंग। अभी तक ऐसा माना जा रहा है कि दुनिया में कोरोना (Coronavirus) संक्रमण की शुरुआत चीन (China) के वुहान (Wuhan) से हुई है। संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद चीन से ऐसे कई डॉक्टर्स ऐसे सामने आए थे जिन्होंने सरकार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कोरोना (Covid19) को लेकर अलर्ट दिया था लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुनी। इन्हीं डॉक्टर्स में से एक एई फेन लापता हो गयीं हैं।
डॉक्टर एई फेन दुनिया के उन शुरूआती लोगों में से हैं जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर कोरोना की चेतावनी जारी की थी, साथ ही उन्होंने चीनी सरकार की आलोचना भी की थी। डेली मेल की खबर के मुताबिक ऐसा शक जाहिर किया जा रहा है कि उन्हें सरकार की आलोचना करने के चलते बंदी बना लिया गया हो इसकी आशंका है। एई फेन पर चीन में कोरोना से जुड़ी एक गुप्त रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आरोप लगा है।
मिल रहीं थीं धमकियां
डॉक्टर एई ने बताया था कि इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बाद उन्हें लगातार धमकियां मिल रहीं हैं। यहां तक कि एई ने आरोप लगाया था कि वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल के अधिकारियों ने न सिर्फ उनसे बदतमीजी की बल्कि उन्हें धमकी दी थी कि उनके साथ कुछ बुरा हो सकता है। डॉक्टर एई से पहले चीन के एक अन्य डॉक्टर ली वेलिआंग ने भी कोरोना वायरस को लेकर चीनी सरकार के व्यवहार पर सवाल उठाए थे। चीनी अधिकारियों ने भी इन दोनों डॉक्टर्स को चेतावनी दी थी कि उन्होंने क़ानून का उल्लंघन किया है और अवैध रूप से गलत सूचना ऑनलाइन प्रसारित की है।मैगजीन को दिया था इंटरव्यू, फिर हुईं गायब
बता दें कि डॉक्टर एई ने चीन की एक पत्रिका को इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने सरकार के कोरोना रोकथाम कार्यक्रम की आलोचना की थी। एई का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन ने न तो अपने स्तर पर इस पर ठीक से ध्यान दिया और न ही चीनी सरकार को ठीक से इसकी जानकारी दी। डॉक्टर एई के लापता होने के बाद चीन की सरकार पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं।चीन की सरकार पर अमेरिका और अन्य देशों ने आरोप लगाया है कि वे कोरोना से जुड़ी जानकारियों को छुपा रहे हैं। वुहान के स्थानीय लोगों का मानना है कि चीनी अधिकारियों का दावा गलत है और यहां कोरोना से 42 हज़ार से ज्यादा मौतें हुई हैं जबकि चीनी सरकार के मुताबिक ये आंकड़ा सिर्फ 3200 ही है।
डॉक्टर एई फेन दुनिया के उन शुरूआती लोगों में से हैं जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर कोरोना की चेतावनी जारी की थी, साथ ही उन्होंने चीनी सरकार की आलोचना भी की थी। डेली मेल की खबर के मुताबिक ऐसा शक जाहिर किया जा रहा है कि उन्हें सरकार की आलोचना करने के चलते बंदी बना लिया गया हो इसकी आशंका है। एई फेन पर चीन में कोरोना से जुड़ी एक गुप्त रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आरोप लगा है।
मिल रहीं थीं धमकियां
डॉक्टर एई ने बताया था कि इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बाद उन्हें लगातार धमकियां मिल रहीं हैं। यहां तक कि एई ने आरोप लगाया था कि वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल के अधिकारियों ने न सिर्फ उनसे बदतमीजी की बल्कि उन्हें धमकी दी थी कि उनके साथ कुछ बुरा हो सकता है। डॉक्टर एई से पहले चीन के एक अन्य डॉक्टर ली वेलिआंग ने भी कोरोना वायरस को लेकर चीनी सरकार के व्यवहार पर सवाल उठाए थे। चीनी अधिकारियों ने भी इन दोनों डॉक्टर्स को चेतावनी दी थी कि उन्होंने क़ानून का उल्लंघन किया है और अवैध रूप से गलत सूचना ऑनलाइन प्रसारित की है।मैगजीन को दिया था इंटरव्यू, फिर हुईं गायब
बता दें कि डॉक्टर एई ने चीन की एक पत्रिका को इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने सरकार के कोरोना रोकथाम कार्यक्रम की आलोचना की थी। एई का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन ने न तो अपने स्तर पर इस पर ठीक से ध्यान दिया और न ही चीनी सरकार को ठीक से इसकी जानकारी दी। डॉक्टर एई के लापता होने के बाद चीन की सरकार पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं।चीन की सरकार पर अमेरिका और अन्य देशों ने आरोप लगाया है कि वे कोरोना से जुड़ी जानकारियों को छुपा रहे हैं। वुहान के स्थानीय लोगों का मानना है कि चीनी अधिकारियों का दावा गलत है और यहां कोरोना से 42 हज़ार से ज्यादा मौतें हुई हैं जबकि चीनी सरकार के मुताबिक ये आंकड़ा सिर्फ 3200 ही है।