Vikrant Shekhawat : Jul 03, 2021, 06:30 AM
Delhi: कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच अब स्वास्थ्य विशेषज्ञ फिर से इस बात पर जोर डालने लगे हैं कि किसे मास्क पहनना चाहिए या किसे नहीं। क्योंकि डेल्टा वैरिएंट इतना खतरनाक है कि यह मास्क पहनने वालों को भी हो रहा है, और नहीं पहनने वालों को भी। इसलिए अब स्वास्थ्य विशेषज्ञ एक नई सूची बना रहे हैं, जिसमें यह बताएंगे कि डेल्टा से बचने के लिए क्या करना है, क्या नहीं करना है, कितना और कब तक करना है।
28 जून को लॉस एंजिल्स काउंटी पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट अपने लोगों को सलाह दी कि जो लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं और जिन्होंने अभी तक नहीं लगवाई है, वो सभी लोग अब अपने घरों और सार्वजनिक इनडोर स्थानों पर भी मास्क लगाकर रहेंगे। क्योंकि काउंटी में करीब आधे कोरोना मामले डेल्टा वैरिएंट से संबंधित आ चुके हैं। यह वैरिएंट सबसे पहले भारत में दर्ज किया गया था। यह अपने पूर्वज वायरसों से ज्यादा संक्रामक और गंभीर है। इसके बाद WHO ने भी डेल्टा वैरिएंट से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीस कंट्रोल (CDC) ने फिलहाल अपने नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। उसके मुताबिक वैक्सीनेटेड लोग अपने सारे काम बिना मास्क के कर सकते हैं। सीडीसी की डायरेक्टर डॉ। रोशेल वॉलेंस्की ने कहा कि वैक्सीन ले चुके लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह डेल्टा वैरिएंट से भी बचाएगी। हालांकि, जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, वो लगातार मास्क लगाएं, ताकि डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण से बच सकें। क्योंकि ये वैक्सीन न लेने वाले लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हैलॉस एंजिल्स काउंटी में कुछ मामले ऐसे आए हैं, जिनमें लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने और पूरी सुरक्षा लेने के बाद भी कोविड-19 से संक्रमित हो गए। हालांकि ये मामले गंभीर नहीं हैं। इसलिए काउंटी प्रशासन ने मास्क लगाने के लिए लोगों को सलाह दी है। लॉस एंजिल्स काउंटी प्रशासन ने कहा कि अगर आप वैक्सीन लगवा चुके हैं, तब भी आपको इनडोर मास्क लगाने की जरूरत है। चाहे वह आपका घर हो, ऑफिस हो या रेस्टोरेंट हो (जब आप खाना न खा रहे हों)।काउंटी के हेल्थ ऑफिसर डॉ। मुंटू डेविस ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। इजरायल से मिले डेटा के अनुसार वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को भी यह वैरिएंट संक्रमित कर रहा है। हालांकि वैक्सीन इस वैरिएंट पर 80 फीसदी प्रभावी है। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से जरूर है कि लोग मास्क लगाएं। कोरोना से बचने के तरीकों का पालन करें। लॉस एंजिल्स काउंटी में अब भी 40 लाख लोग वैक्सीन नहीं लगवा पाए हैं। ऐसे में उनके संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है। अगर वैक्सीनेटेड लोग सुरक्षा के सारे कदम उठाएंगे तो संक्रमण दर को रोका जा सकता है। हो सकता है कि कुछ लोगों को डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण हो लेकिन उन्हें कोई लक्षण न दिखाई दे या फिर हल्के लक्षण महसूस हों। अमेरिका में करीब 70 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। लेकिन देश के कुछ हिस्सों में यह संख्या बहुत कम है। इन स्थानों पर डेल्टा वैरिएंट के तेजी से फैलने की आशंका ज्यादा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफ्केशियस डिजिसेस के डायरेक्टर और व्हाइट हाउस के चीफ मेडिकल एडवाइजर डॉ। एंथनी फाउची ने भी कहा था कि कोरोना के किसी भी वैरिएंट के संक्रमण दर को कम करने या रोकने का सबसे आसान तरीका है ज्यादा से ज्यादा टीके लगवाना। डेल्टा जैसे वैरिएंट खुद के म्यूटेट करके अपने जेनेटिक कोड को बदल रहे हैं। जिसकी वजह से कम इम्यूनिटी वाले लोगों को संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है। डॉ। फाउची ने कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, उनके लिए डेल्टा वैरिएंट ज्यादा खतरनाक है। ऑस्ट्रेलिया से मिली प्राथमिक रिपोर्ट्स को आधार माने तो नए वैरिएंट कभी भी किसी भी शख्स को बीमार कर सकते हैं। चाहे वह वैक्सीन लगवा चुका हो या फिर न लगवाया हो। अंतर सिर्फ इतना ही है कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोग वैरिएंट से भी कम संक्रमित होते हैं। अगर होते भी हैं तो दुष्प्रभाव कम रहता है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर डॉ। कर्स्टेन लाइक ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट बेहद संक्रामक और खतरनाक है। कई देशों में तो अब तक 50 फीसदी लोग भी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड नहीं हुए हैं। ऐसे में मास्क लगाना बेहद जरूरी है। इससे बचाव होगा। साथ ही नए-नए वैरिएंट के प्रभाव से आप दूर रहेंगे। अगर आप खुले में है या फिर किसी इनडोर जगह पर, आपको मास्क लगाना चाहिए, चाहे आपने टीका लगवा लिया हो या फिर न लगवाया है। क्योंकि अभी डेल्टा वैरिएंट को लेकर दुनिया में किसी भी वैज्ञानिक के पास पूरी समझ विकसित नहीं हो पाई है। डॉ। कर्स्टेन लाइक ने कहा कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों को थोड़ी राहत हो सकती है। हो सकता है कि जहां कम भीड़ हो वहां पर वो बिना मास्क के घूम सकते हैं लेकिन जरूरी नहीं कि यह सबके लिए लागू हो। दुनिया में कई ऐसी छोटी जगहें हैं जहां पर लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है। यहां लोग कम हैं, लेकिन नए वैरिएंट के खतरे से कोई बचा नहीं है। डेल्टा वैरिएंट इनमें से एक है जो जरा सी लापरवाही से आपको अपनी चपेट में ले सकता है। कोरोना से बचने के लिए मास्क और वैक्सीनेशन एक इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह हैं। वैक्सीन किसी कार के सीट बेल्ट की तरह है जो आपको कोरोना के एक्सीडेंट से होने वाली गंभीर स्थिति से बचाएगी। वहीं मास्क आपका हेलमेट है। हालांकि दुनिया में अब भी करोड़ों लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है। ऐसे में डेल्टा वैरिएंट आपको परेशान कर सकता है। अगली लहर इसी वैरिएंट की हो सकती है।डॉ। लाइक कहती हैं कि हम लगातार डेल्टा वैरिएंट के बारे में अध्ययन कर रहे हैं। ताकि हम उसे रोकने के सारे कदम उठा सकें। हालांकि स्टडी की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम इसकी वंशावली का गहन अध्ययन कर चुके हैं। लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए हर वैरिएंट के जेनेटिक कोड की स्टडी होनी चाहिए। इसलिए आपने वैक्सीन लगवाई हो या न लगवाई हो।।।मास्क जरूरी है।
28 जून को लॉस एंजिल्स काउंटी पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट अपने लोगों को सलाह दी कि जो लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं और जिन्होंने अभी तक नहीं लगवाई है, वो सभी लोग अब अपने घरों और सार्वजनिक इनडोर स्थानों पर भी मास्क लगाकर रहेंगे। क्योंकि काउंटी में करीब आधे कोरोना मामले डेल्टा वैरिएंट से संबंधित आ चुके हैं। यह वैरिएंट सबसे पहले भारत में दर्ज किया गया था। यह अपने पूर्वज वायरसों से ज्यादा संक्रामक और गंभीर है। इसके बाद WHO ने भी डेल्टा वैरिएंट से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीस कंट्रोल (CDC) ने फिलहाल अपने नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। उसके मुताबिक वैक्सीनेटेड लोग अपने सारे काम बिना मास्क के कर सकते हैं। सीडीसी की डायरेक्टर डॉ। रोशेल वॉलेंस्की ने कहा कि वैक्सीन ले चुके लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह डेल्टा वैरिएंट से भी बचाएगी। हालांकि, जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, वो लगातार मास्क लगाएं, ताकि डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण से बच सकें। क्योंकि ये वैक्सीन न लेने वाले लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हैलॉस एंजिल्स काउंटी में कुछ मामले ऐसे आए हैं, जिनमें लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने और पूरी सुरक्षा लेने के बाद भी कोविड-19 से संक्रमित हो गए। हालांकि ये मामले गंभीर नहीं हैं। इसलिए काउंटी प्रशासन ने मास्क लगाने के लिए लोगों को सलाह दी है। लॉस एंजिल्स काउंटी प्रशासन ने कहा कि अगर आप वैक्सीन लगवा चुके हैं, तब भी आपको इनडोर मास्क लगाने की जरूरत है। चाहे वह आपका घर हो, ऑफिस हो या रेस्टोरेंट हो (जब आप खाना न खा रहे हों)।काउंटी के हेल्थ ऑफिसर डॉ। मुंटू डेविस ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। इजरायल से मिले डेटा के अनुसार वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को भी यह वैरिएंट संक्रमित कर रहा है। हालांकि वैक्सीन इस वैरिएंट पर 80 फीसदी प्रभावी है। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से जरूर है कि लोग मास्क लगाएं। कोरोना से बचने के तरीकों का पालन करें। लॉस एंजिल्स काउंटी में अब भी 40 लाख लोग वैक्सीन नहीं लगवा पाए हैं। ऐसे में उनके संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है। अगर वैक्सीनेटेड लोग सुरक्षा के सारे कदम उठाएंगे तो संक्रमण दर को रोका जा सकता है। हो सकता है कि कुछ लोगों को डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण हो लेकिन उन्हें कोई लक्षण न दिखाई दे या फिर हल्के लक्षण महसूस हों। अमेरिका में करीब 70 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। लेकिन देश के कुछ हिस्सों में यह संख्या बहुत कम है। इन स्थानों पर डेल्टा वैरिएंट के तेजी से फैलने की आशंका ज्यादा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफ्केशियस डिजिसेस के डायरेक्टर और व्हाइट हाउस के चीफ मेडिकल एडवाइजर डॉ। एंथनी फाउची ने भी कहा था कि कोरोना के किसी भी वैरिएंट के संक्रमण दर को कम करने या रोकने का सबसे आसान तरीका है ज्यादा से ज्यादा टीके लगवाना। डेल्टा जैसे वैरिएंट खुद के म्यूटेट करके अपने जेनेटिक कोड को बदल रहे हैं। जिसकी वजह से कम इम्यूनिटी वाले लोगों को संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है। डॉ। फाउची ने कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, उनके लिए डेल्टा वैरिएंट ज्यादा खतरनाक है। ऑस्ट्रेलिया से मिली प्राथमिक रिपोर्ट्स को आधार माने तो नए वैरिएंट कभी भी किसी भी शख्स को बीमार कर सकते हैं। चाहे वह वैक्सीन लगवा चुका हो या फिर न लगवाया हो। अंतर सिर्फ इतना ही है कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोग वैरिएंट से भी कम संक्रमित होते हैं। अगर होते भी हैं तो दुष्प्रभाव कम रहता है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर डॉ। कर्स्टेन लाइक ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट बेहद संक्रामक और खतरनाक है। कई देशों में तो अब तक 50 फीसदी लोग भी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड नहीं हुए हैं। ऐसे में मास्क लगाना बेहद जरूरी है। इससे बचाव होगा। साथ ही नए-नए वैरिएंट के प्रभाव से आप दूर रहेंगे। अगर आप खुले में है या फिर किसी इनडोर जगह पर, आपको मास्क लगाना चाहिए, चाहे आपने टीका लगवा लिया हो या फिर न लगवाया है। क्योंकि अभी डेल्टा वैरिएंट को लेकर दुनिया में किसी भी वैज्ञानिक के पास पूरी समझ विकसित नहीं हो पाई है। डॉ। कर्स्टेन लाइक ने कहा कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों को थोड़ी राहत हो सकती है। हो सकता है कि जहां कम भीड़ हो वहां पर वो बिना मास्क के घूम सकते हैं लेकिन जरूरी नहीं कि यह सबके लिए लागू हो। दुनिया में कई ऐसी छोटी जगहें हैं जहां पर लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है। यहां लोग कम हैं, लेकिन नए वैरिएंट के खतरे से कोई बचा नहीं है। डेल्टा वैरिएंट इनमें से एक है जो जरा सी लापरवाही से आपको अपनी चपेट में ले सकता है। कोरोना से बचने के लिए मास्क और वैक्सीनेशन एक इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह हैं। वैक्सीन किसी कार के सीट बेल्ट की तरह है जो आपको कोरोना के एक्सीडेंट से होने वाली गंभीर स्थिति से बचाएगी। वहीं मास्क आपका हेलमेट है। हालांकि दुनिया में अब भी करोड़ों लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है। ऐसे में डेल्टा वैरिएंट आपको परेशान कर सकता है। अगली लहर इसी वैरिएंट की हो सकती है।डॉ। लाइक कहती हैं कि हम लगातार डेल्टा वैरिएंट के बारे में अध्ययन कर रहे हैं। ताकि हम उसे रोकने के सारे कदम उठा सकें। हालांकि स्टडी की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम इसकी वंशावली का गहन अध्ययन कर चुके हैं। लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए हर वैरिएंट के जेनेटिक कोड की स्टडी होनी चाहिए। इसलिए आपने वैक्सीन लगवाई हो या न लगवाई हो।।।मास्क जरूरी है।