AajTak : Jul 30, 2020, 07:32 PM
नई दिल्ली | केंद्र की मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति का ऐलान कर दिया है और इस शिक्षा नीति का कई लोग स्वागत कर रहे हैं तो कई लोग विरोध भी कर रहे हैं। फिल्म अभिनेत्री और कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने इस शिक्षा नीति का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पार्टी लाइन के इतर जाने पर माफी भी मांगी है।खुशबू सुंदर ने ट्वीट कर कहा, 'नई शिक्षा नीति 2020 पर मेरा स्टैंड मेरी पार्टी से अलग है और मैं इसके लिए राहुल गांधी से माफी मांगती हूं। लेकिन मैं कठपुतली या रोबोट की तरह सिर हिलाने के बजाए तथ्यों पर बात करती हूं। अपने नेता से हम हर चीज पर सहमत नहीं हो सकते, लेकिन बतौर नागरिक बहादुरी से अपनी राय या विचार रख सकते हैं।'उन्होंने अपने अगले ट्वीट में कहा कि राजनीति महज शोर मचाने के लिए नहीं है, इसके बारे में मिलकर साथ काम करना है। और भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री कार्यालय को इसे समझना होगा। बतौर विपक्ष, हम इस पर विस्तार से देखेंगे और खामियों को इंगित करेंगे। भारत सरकार को नई शिक्षा नीति से जुड़ी खामियों को लेकर हर किसी को विश्वास में लेना चाहिए।समस्याओं का समाधाननई शिक्षा नीति के बारे में अपने एक अन्य ट्वीट में खुशबू सुंदर ने कहा, 'मैं सकारात्मक पहलुओं को देखना पसंद करती हूं और नकारात्मक चीजों पर काम करती हूं। हमें समस्याओं के समाधान की पेशकश करनी है न कि केवल आवाजें बुलंद करना। विपक्ष का मतलब देश के भविष्य के लिए काम करना भी है।खुशबु सुंदर ने यह भी कहा कि संघ से जुड़े लोग रिलेक्स हो सकते हैं, लेकिन उन्हें आनन्दित नहीं होना चाहिए। मैं बीजेपी में नहीं जा रही हूं। मेरी राय मेरी पार्टी से अलग हो सकती है, लेकिन मैं खुद की सोच के साथ एक व्यक्ति हूं। हां, नई शिक्षी नीति में कुछ जगहों पर खामियां है, लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि हम सकारात्मकता के साथ बदलाव को देख सकते हैं।शिक्षा नीति में बदलावनरेंद्र मोदी सरकार ने कल बुधवार को 34 साल बाद नई शिक्षा नीति पर मुहर लगा दी। करीब दो लाख सुझाव के बाद नई शिक्षा नीति तैयार की गई है। अब 10+2 को अलग-अलग फॉर्मेट में 5+3+3+4 के फॉर्मेट में बदल दिया गया है।अब स्कूल के पहले 5 साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के 3 साल और क्लास 1 और 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे। फिर अगले 3 साल को क्लास 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा। इसके अलावा शिक्षा प्रणाली को लेकर कई तरह से परिवर्तन किए गए हैं। सभी इंस्टीट्यूट के लिए एक एंट्रेंस एग्जाम होगा। क्षेत्रीय भाषाओं में भी ऑनलाइन कोर्स होंगे।