Vikrant Shekhawat : Mar 23, 2021, 12:12 PM
बर्लिन। दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) लगातार खतरे का सबब बना हुआ है। अब इस वायरस के पिछले साल की तरह ही फिर से आक्रामक तौर पर फैलने की आशंकाएं हैं। ऐसे में कई देश एहतियात बरतते हुए जरूरी कदम उठा रहे हैं। इसी के तहत जर्मनी (Germany) भी अपने यहां पांच दिन का सख्त लॉकडाउन (Lockdown) लगाने जा रहा है। इस संबंध में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल (Angela Merkel) ने मंगलवार को स्थानीय नेताओं से बात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस को रोकने के लिए जर्मनी में ईस्टर पर पांच दिन का सख्त लॉकडाउन लगाया जाएगा।
चांसलर एंजेला मर्केल और 16 अन्य नेताओं ने बैठक कर देश में 1 अप्रैल से 5 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाए जाने पर सहमति दी। साथ ही सांस्कृति और खेल समेत अन्य प्रतिष्ठानों को भी 18 अप्रैल तक बंद रखने की बात कही। जानकारी दी गई है कि इन पांच दिनों के सख्त लॉकडाउन के दौरान अमूमन सभी दुकानें बंद रहेंगी। ईस्टर की प्रार्थना को ऑनलाइन किया जाएगा। सिर्फ राशन-सब्जी वालों को 3 अप्रैल को दुकान खोलने की अनुमति होगी।नेताओं ने करीब 12 घंटे की बातचीत के बाद एंजेला मर्केल ने कहा, 'हालात काफी गंभीर हैं। कोराना केस बेतहाशा बढ़ रहे हैं और आईसीयू बेड भी फिर से भर रहे हैं। 16 नेताओं के साथ बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि क्या ईस्टर की स्कूलों की छुट्टियों पर अवकाश की घोषणा कर दी जाए। इस पर कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया और कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं बनता कि कुछ लोगों को हवाई यात्रा करके मलोरका आईलैंड जाने दिया जाए और अधिकांश पर प्रतिबंध लगाए जाएं।बता दें कि यूरोप की बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी ने लोगों को पहले ही प्रतिबंधों से छूट देनी शुरू कर दी थी। फरवरी के आखिर में स्कूल खोले गए। हेयरड्रेसर और अन्य दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी गई थी।
चांसलर एंजेला मर्केल और 16 अन्य नेताओं ने बैठक कर देश में 1 अप्रैल से 5 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाए जाने पर सहमति दी। साथ ही सांस्कृति और खेल समेत अन्य प्रतिष्ठानों को भी 18 अप्रैल तक बंद रखने की बात कही। जानकारी दी गई है कि इन पांच दिनों के सख्त लॉकडाउन के दौरान अमूमन सभी दुकानें बंद रहेंगी। ईस्टर की प्रार्थना को ऑनलाइन किया जाएगा। सिर्फ राशन-सब्जी वालों को 3 अप्रैल को दुकान खोलने की अनुमति होगी।नेताओं ने करीब 12 घंटे की बातचीत के बाद एंजेला मर्केल ने कहा, 'हालात काफी गंभीर हैं। कोराना केस बेतहाशा बढ़ रहे हैं और आईसीयू बेड भी फिर से भर रहे हैं। 16 नेताओं के साथ बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि क्या ईस्टर की स्कूलों की छुट्टियों पर अवकाश की घोषणा कर दी जाए। इस पर कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया और कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं बनता कि कुछ लोगों को हवाई यात्रा करके मलोरका आईलैंड जाने दिया जाए और अधिकांश पर प्रतिबंध लगाए जाएं।बता दें कि यूरोप की बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी ने लोगों को पहले ही प्रतिबंधों से छूट देनी शुरू कर दी थी। फरवरी के आखिर में स्कूल खोले गए। हेयरड्रेसर और अन्य दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी गई थी।