Coronavirus Vaccine / 16 बंदरों पर ट्रायल रहा सफल, क्या तैयार हो गई अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत देने वाली भी खबरें लगातार सामने आ रही हैं। अभी तक इसके वैक्सीन के बाजार में उपलब्ध होने को लेकर तो कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन वैक्सीन विकसित करने वाली अलग-अलग कंपनियां यह दावा जरूर कर रही हैं कि जल्द ही यह लोगों के बीच होगी। कोई देश कह रहा है कि उसकी वैक्सीन अगस्त में आएगी तो कोई सितंबर, अक्तूबर और नवंबर में आने की बात कर रहा है।

AMAR UJALA : Jul 30, 2020, 06:47 PM
Coronavirus Vaccine: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत देने वाली भी खबरें लगातार सामने आ रही हैं। अभी तक इसके वैक्सीन के बाजार में उपलब्ध होने को लेकर तो कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन वैक्सीन विकसित करने वाली अलग-अलग कंपनियां यह दावा जरूर कर रही हैं कि जल्द ही यह लोगों के बीच होगी। कोई देश कह रहा है कि उसकी वैक्सीन अगस्त में आएगी तो कोई सितंबर, अक्तूबर और नवंबर में आने की बात कर रहा है। भारत, ब्रिटेन, चीन और रूस के अलावा अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन से भी लोगों को काफी उम्मीदें हैं। इसको लेकर ताजा जानकारी यह सामने आई है कि वैक्सीन का हाल ही में 16 बंदरों पर टेस्ट किया गया, जिसमें बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। यह वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने में सफल रहा है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि यह इंसानों पर भी कारगर साबित होगी। आइए जानते हैं बंदरों पर वैक्सीन के टेस्ट के बाद क्या हुआ और इंसानों पर यह सफल हो पाएगा या नहीं। साथ ही यह भी कि इस वैक्सीन की कीमत क्या होगी?

बंदरों पर किए गए सफल टेस्ट की रिपोर्ट न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में मंगलवार को प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन देने के बाद बंदरों में संक्रमण का कोई लक्षण नहीं मिला। चूंकि कोरोना वायरस इंसान के शरीर में घुसकर अपनी कॉपी बनाता रहता है। ऐसे में यह वैक्सीन बंदरों के नाक और फेफड़ों में वायरस को अपनी कॉपी बनाने से रोकने में सफल रही है।   

मॉडर्ना वैक्सीन से लोगों की उम्मीदें इसलिए भी बढ़ गई हैं, क्योंकि जब ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन का बंदरों पर परीक्षण हुआ था, तब उसके नतीजे इसने सफल नहीं हुए थे, जितना मॉडर्ना वैक्सीन के नतीजे सफल रहे हैं। 

अमेरिका की इस वैक्सीन का नाम mRNA-1273 है, जिसे मॉडर्ना और अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। अंतिम चरण में पहुंच चुके इस वैक्सीन का हाल ही में 30 हजार लोगों पर ट्रायल शुरू हुआ है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा ट्रायल माना जा रहा है।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन की दो खुराक देने के बाद वैज्ञानिक इस बात का बहुत नजदीक से अध्ययन करेंगे कि अपने रोजमर्रा के काम करने के दौरान कौन सा ग्रुप ज्यादा संक्रमित होता है, खासकर उन इलाकों में जहां अभी इस वायरस पर काबू नहीं पाया जा सका है और वो तेजी से फैल रहा है। 

मॉडर्ना वैक्सीन की कीमत को लेकर भी एक रिपोर्ट सामने आ रही है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, यह वैक्सीन काफी महंगी मिल सकती है। लोगों को इसकी दो खुराक के लिए 3700 से 4500 रुपये तक की कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन यह कीमत अमेरिका और अन्य उच्च आय वाले देशों में ही होगी। कम आय वाले देशों के लिए इसकी कीमतों में बदलाव किया जा सकता है। हालांकि कीमत को लेकर आधिकारिक तौर पर कंपनी की तरह से कोई बयान नहीं आया है।