अमेठी. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमेठी (Amethi) जनपद के त्रिसुंडी स्थित केंद्रीय रिज़र्व पुलिस के ग्रुप सेंटर (CRPF Group Centre) पर तैनात जवानों व अधिकारियों ने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने से मना कर दिया है. कोरोना वैक्सीन लगाने ग्रुप सेंटर गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली है और पिछले दो घंटे से टीम मेन गेट पर खड़ी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम समझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन जवान व अधिकारी वैक्सीन लगवाने से इंकार कर रहे हैं. सीआरपीएफ के डीआईजी कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड वैक्सीन लगाने की मांग कर रहें हैं.
गौरतलब है कि पहले व दूसरे चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद गुरुवार से उत्तर प्रदेश में फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है. प्रदेश भर में दो लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. राजधानी लखनऊ में 98 बूथों पर 12 हजार लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य है. आज कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टीकाकरण में इस्तेमाल रहा है. लेकिन अमेठी में सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों कोवैक्सीन लगवाने से मना कर दिया है. उनकी मांग है कि कोविशील्ड लगाई जाए.
भारत में लगाई जा रही दो वैक्सीन:बता दें कोविशील्ड वैक्सीन शीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया पुणे द्वारा तैयार की गई है, जबकि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने तैयार की है. 16 जनवरी से जब देश में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई तो इन्हीं दो वैक्सीन को लगाया जा रहा है. इतना ही नहीं भारत 100 से ज्यादा देशों में इन्हीं दो वैक्सीन को भेजा है.
गौरतलब है कि पहले व दूसरे चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद गुरुवार से उत्तर प्रदेश में फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है. प्रदेश भर में दो लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. राजधानी लखनऊ में 98 बूथों पर 12 हजार लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य है. आज कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टीकाकरण में इस्तेमाल रहा है. लेकिन अमेठी में सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों कोवैक्सीन लगवाने से मना कर दिया है. उनकी मांग है कि कोविशील्ड लगाई जाए.
भारत में लगाई जा रही दो वैक्सीन:बता दें कोविशील्ड वैक्सीन शीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया पुणे द्वारा तैयार की गई है, जबकि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने तैयार की है. 16 जनवरी से जब देश में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई तो इन्हीं दो वैक्सीन को लगाया जा रहा है. इतना ही नहीं भारत 100 से ज्यादा देशों में इन्हीं दो वैक्सीन को भेजा है.