T20 World Cup 2024 / वर्ल्ड कप पर मंडराया खतरा, इस देश के हालातों के कारण टेंशन में ICC

पहले ही अमेरिका में टी20 वर्ल्ड कप 2024 के आयोजन में हुई कथित गड़बड़ियों की आशंका से जूझ रहे इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के सामने अब एक नई समस्या आ गई है. जून में मेंस वर्ल्ड कप के बाद आईसीसी की नजरें विमेंस टी20 वर्ल्ड कप पर हैं, जो करीब ढाई महीने बाद शुरू होना है. वैसे तो वर्ल्ड कप में अभी काफी वक्त है लेकिन उससे पहले ही इसके टलने का खतरा मंडराने लगा है. इसकी वजह है मेजबान देश के हालात.

Vikrant Shekhawat : Jul 23, 2024, 06:00 AM
T20 World Cup 2024: पहले ही अमेरिका में टी20 वर्ल्ड कप 2024 के आयोजन में हुई कथित गड़बड़ियों की आशंका से जूझ रहे इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के सामने अब एक नई समस्या आ गई है. जून में मेंस वर्ल्ड कप के बाद आईसीसी की नजरें विमेंस टी20 वर्ल्ड कप पर हैं, जो करीब ढाई महीने बाद शुरू होना है. वैसे तो वर्ल्ड कप में अभी काफी वक्त है लेकिन उससे पहले ही इसके टलने का खतरा मंडराने लगा है. इसकी वजह है मेजबान देश के हालात. जी हां, अगला महिला टी20 वर्ल्ड कप अक्तूबर 2024 में बांग्लादेश में आयोजित होना है लेकिन इन दिनों इस देश में हिंसक आंदोलन ने आईसीसी को चिंता में डाल दिया है.

बांग्लादेश में आंदोलन के कारण टेंशन

बांग्लादेश में 3 से 20 अक्टूबर के बीच भारत समेत कुल 10 टीमें टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी के लिए टकराएंगी. इस दौरान फाइनल समेत कुल 23 मैच खेले जाएंगे. टूर्नामेंट के मैच दो वेन्यू में खेले जाएंगे जिसमें से एक राजधानी ढाका है और यही फिलहाल बांग्लादेश में आंदोलन का केंद्र बना हुआ है, जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है. इन हालातों ने आईसीसी का ध्यान भी खींचा, जिसने इस मुद्दे पर कुछ चर्चा भी की. क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, कोलंबो में हुई आईसीसी की अहम बैठक में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों ने ये मुद्दा उठाया.

बोर्ड ने आईसीसी अधिकारियों और इसके सदस्य देशों को ताजा हालात की जानकारी दी. आईसीसी अधिकारियों ने इसे लेकर चिंता जताई लेकिन टूर्नामेंट में अभी भी काफी वक्त बचे होने के कारण काउंसिल ने फिलहाल आधिकारिक तौर पर इसे लेकर कोई बयान जारी नहीं किया. एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि आईसीसी हालात पर नजर रखे हुए लेकिन पिछले कुछ घंटों में स्थिति में सुधार दिखा है.

हिंसा में 150 से ज्यादा की मौत

बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से छात्रों ने आंदोलन किया हुआ है. ये आंदोलन सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ उठा हुआ है, जिसके चलते पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में कॉलेज के छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. खास तौर पर देश की राजधानी में ये आंदोलन ज्यादा आक्रामक रुप अपना चुका है, जिसमें पुलिस से टकराव में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसके चलते सरकार को कॉलेज बंद करने के आदेश देने पड़े हैं. साथ ही राजधानी में कर्फ्यू भी लगाया गया है और सेना को उतारकर देखते ही गोली मारने के आदेश भी दिए गए हैं.