उत्तर प्रदेश / कोविड-19 टीकाकरण के बहाने यूपी में की गई मूक-बधिर शख्स की नसबंदी, परिवार का आरोप

एटा (यूपी) में कोविड-19 टीकाकरण के बहाने अस्पताल लाए गए 40-45 वर्ष के एक मूक-बधिर शख्स को सूचित किए बिना कथित तौर पर उसकी नसबंदी कर दी गई। उसके भाई के अनुसार, एक आशा कार्यकर्ता ने उसे ₹3,500 का लालच देकर मनाया था। हालांकि, एक अधिकारी ने कहा कि शख्स की भाभी ने आशा कार्यकर्ता से ऐसा करने कहा था।

Vikrant Shekhawat : Jul 14, 2021, 07:01 AM
एटा: उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक मूक-बधिर युवक को आशा कार्यकर्ता कोरोना वैक्सीन लगवाने के बहाने जिला अस्पताल ले आई। यहां युवक की नसबंदी करा दी गई। बेहोशी की हालत में आशा युवक को उसके घर छोड़ आई। 

परिजन रविवार को युवक को गंभीर स्थिति में लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां से उसे आगरा रेफर कर दिया गया। युवक के भाई ने थाना अवागढ़ में आशा कार्यकर्ता के खिलाफ तहरीर देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

रुपये दिलाने की बात कही

अवागढ़ ब्लॉक के गांव बिशनपुर निवासी मूक बधिर के भाई अशोक ने बताया कि आशा कार्यकर्ता उसके घर आई और भाई को टीका लगवाने के लिए भेजने की बात कही। उनसे कहा गया कि आपके भाई के खाते में 3500 रुपए आएंगे। भाई की बैंक पासबुक और आधार कार्ड दे दो।

जब अशोक ने साथ चलने की बात कही तो आशा ने अकेले भाई को भेजने के लिए बोल दिया। इस पर अशोक ने अपने भाई को आशा के साथ जिला अस्पताल भेज दिया। अस्पताल से वापस जाने के बाद अशोक को जानकारी हुई की आशा ने कोरोना वैक्सीन न लगवा कर उसकी नसबंदी कराई है। 

अशोक ने बताया कि उसके भाई की हालत ठीक नहीं थी। इस पर वह उसे जिला अस्पताल लेकर आए। यहां से भाई को आगरा रेफर कर दिया गया। इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे चिकित्सक राहुल ने बताया। युवक बेहोशी की हालत में था। परिजन उसे आगरा रेफर करा ले गए हैं।

20 हजार रुपए देने की कही बात

पीड़ित युवक के भाई अशोक ने बताया कि जब उन्होंने आशा कार्यकर्ता से शिकायत की। इस पर वह बिगड़ गई और 20 हजार रुपए लेकर मामले को रफा-दफा करने की बात कही।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. उमेश त्रिपाठी ने बताया कि आशा द्वारा कोरोना वैक्सीन के बहाने नसबंदी कराने का मामला संज्ञान में आया है। जांच कराई जा रही है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।