Vikrant Shekhawat : Mar 15, 2022, 09:36 AM
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज (15 मार्च) संसद में 9 मार्च 2022 को अनजाने में हुई मिसाइल फायरिंग पर बयान देंगे। यह मिसाइल पाकिस्तान के पंजाब में मियां चन्नू इलाके में गिरी थी। गलती से फायर हुई मिसाइल पर पाकिस्तान में हंगामा जारी है। पाकिस्तान इसे लेकर नई मुश्किल में घिर गया है साथ ही इस घटना को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने की जुगत में भी लगा है।यह सब ऐसे वक्त हो रहा है जब पाकिस्तान में सियासी पारा बेहद गर्म है और इमरान सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। इस बीच, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने भारतीय मिसाइल का वक्त रहते पता न लगाने के आरोप में एक एयरफोर्स कमांडर और दो एयर मार्शल्स को बर्खास्त कर दिया है। उधर, पूर्व राजनयिक इसे बेहद सतर्क भरी निगारों से देख रहे हैं। भारत में तैनात रहे पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने इसे लेकर पाकिस्तान को चेताया है। बासित ने कहा कि भारत को लेकर हमें वक्त रहते सतर्क हो जाना चाहिए।वहीं सोमवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि कई राज्य जीएसटी के तहत मुआवजे की व्यवस्था जून 2022 से आगे भी जारी रखना चाहते हैं। लोकसभा में सीतारमण से पूछा गया था कि क्या केंद्र सरकार को महामारी के कारण उत्पन्न कठिनाइयों के मद्देनजर मुआवजे की व्यवस्था को आगे बढ़ाने का अनुरोध मिले हैं, जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि कई इसके संबंध में अब तक कई राज्यों का अनुरोध मिला है। इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि केंद्र सांविधानिक प्रावधान के मुताबिक राज्यों को पांच वर्ष के लिए जीएसटी मुआवजा देने के लिए प्रतिबद्ध है।असल में जीएसटी के लागू होने से राज्यों को होने वाले कर राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए एक जुलाई, 2017 से पांच वर्ष के लिए केंद्र ने मुआवजे की गारंटी दी थी, जिसके तहत हर दो माह में राज्यों को मुआवजा राशि दी जाती है। यह अवधि इस वर्ष जून में समाप्त हो रही है। मुआवजे के लिए राजस्व में नुकसान की गणना 2015-16 में राज्यों द्वारा जुटाए गए कर में 14 फीसदी की वार्षिक वृद्धि को मानकर की जाती है। मुआवजा राशि मोटे तौर पर शराब, तंबाकू व विलासिता के उत्पादों पर उच्चतम कर पर उपकर लगाकर वसूल की जाती है। भाजपा संसदीय दल की बैठक आज भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल की बैठक मंगलवार को आयोजित होगी। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने अपने सभी राज्यसभा और लोकसभा सांसदों से बैठक में उपस्थित रहने को कहा है। बता दें, बजट सत्र का दूसरा चरण 8 अप्रैल को समाप्त होगा।2026 तक वसूला जाएगा उपकरवित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जीएसटी मुआवजे का भुगतान राज्यों को पहले ही किया जा चुका है। 2020-21 और 2021-22 में किए गए उधार को चुकाने के लिए विलासिता और अवगुण वस्तुओं पर लगाया जाने वाला उपकर मार्च 2026 तक एकत्र किया जाता रहेगा।सरकार ने संसद से चालू वित्त वर्ष में 1.07 लाख करोड़ अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगीकेंद्र सरकार ने सोमवार को बजट सत्र के दूसरे दौर में चालू वित्त वर्ष में 1.07 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने के लिए संसद से मंजूरी मांगी। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए यह बजट से अलग अनुपूरक मांग की तीसरी किश्त है। इन मांगों को मंजूरी मिलने के साथ ही चालू वित्त वर्ष में अनुपूरक मांगों के तहत होने वाला कुल खर्च बढ़कर 1.58 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक कुल अनुपूरक मांग में से शुद्ध नकद व्यय 1.07 लाख करोड़ रुपये का होना है, जबकि 50,946 करोड़ रुपये असल में विभिन्न मंत्रालयों व विभागों की तरफ से की गई बचत और बढ़ी हुई प्राप्तियों से समायोजित किया जाएंगे।केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के तौर पर बिहार को मिले 1.41 लाख करोड़वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के तौर पर बिहार को 1.41 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा राजस्व दिया है। उन्होंने बताया, केंद्र सरकार ने बिहार को ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य क्षेत्र, राज्य आपदा कोष सहित अन्य के लिए अनुदान के रूप में 45,000 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर आय से बिहार को 59,861.41 करोड़ रुपये मिले। इसी तरह, 2021-22 में 81,789.32 करोड़ रुपये जारी किए गए। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक 8,727 करोड़ रुपये, शहरी स्थानीय निकायों के लिए 3,175 करोड़ और राज्य आपदा कोष के लिए 2,548 करोड़ रुपये दिए गए। गंगा जल की गुणवत्ता नहाने योग्य, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों में दिखा सुधारगंगा जल की गुणवत्ता में सुधार के बाद अब यह नहाने योग्य हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार, गंगा जल में ऑक्सीजन की मात्रा नहाने के लिए तय मानकों के अनुरूप है ही, साथ ही नदी का परिस्थितिकी तंत्र भी बेहतर होगा।जलशक्ति राज्यमंत्री विश्वेश्वर टूडु ने बताया, गंगा नदी का कोई भी प्रसार क्षेत्र, प्राथमिकता के लिए तय श्रेणी एक से चार तक में नहीं पाया गया। नदी के केवल दो ही प्रसार क्षेत्र पांचवीं श्रेणी में मिले। इस श्रेणी में प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड द्वारा प्रदूषण के लिए तय प्रतिलीटर जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) की मात्रा 3-6 मिलीग्राम के बीच होती है। पहली श्रेणी सबसे अधिक प्रदूषित मानी जाती है, इसमें बीओडी की मात्रा सबसे अधिक होती है, जबकि पांचवीं को सबसे कम प्रदूषित माना जाता है।
- वर्ष 2014 से 2021 के बीच गंगा जल की गुणवत्ता तय करने वाले आंकड़ों के अनुसार, ऑक्सीजन की मात्रा 31 स्थानों पर, जैविक ऑक्सीजन की मांग (बीओडी) 46 स्थानों पर और 23 स्थानों पर मल के बैक्टीरिया के स्तर में सुधार मिला।
- केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, नमामि गंगा कार्यक्रम के तहत पांच राज्यों में 97 जगहों पर गंगा जल की गुणवत्ता की जांच करता है। 30,853 करोड़ के नमामि गंगे के अंतर्गत 364 प्रोजेक्ट शुरू किए थे। इनमें से 182 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।
- 160 प्रोजेक्ट सीवेज इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हैं, जिससे 5,227 किमी के सीवेज नेटवर्क से 5024 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) की क्षमता के प्लांट स्थापित होने हैं। इनमें से 76 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, बाकी के प्रोजेक्ट अलग-अलग चरणों में हैं।