Indian Air Force / PAK-चीन को 'ध्रुवास्त्र' सिखाएगा सबक! भारत खरीदेगा अब ये मॉडर्न हथियार

सीमा पर चीन और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने करीब 45 हजार करोड़ रुपये का प्लान तैयार कर लिया है. रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले रक्षा अधिग्रहण परिषद यानी ने 45,000 करोड़ रुपये के लगभग 9 प्रस्तावों को मंजूरी दी है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार इस कदम से भारत के डिफेंस सेक्टर को मजबूती मिलेगी. रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार भारत के वेंडर्स से ही खरीदे

Indian Air Force: सीमा पर चीन और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने करीब 45 हजार करोड़ रुपये का प्लान तैयार कर लिया है. रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले रक्षा अधिग्रहण परिषद यानी ने 45,000 करोड़ रुपये के लगभग 9 प्रस्तावों को मंजूरी दी है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार इस कदम से भारत के डिफेंस सेक्टर को मजबूती मिलेगी. रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार भारत के वेंडर्स से ही खरीदे जाएंगे. जिनका डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग भी भारत में हुई होगी. वास्तव में भारत डिफेंस सेक्टर को मजबूत करने के लिए स्वदेशी सामान पर जोर दे रहा है. ताकि आने वाले दिनों में देश इस सेक्टर में आत्मनिर्भर बन सके और डिफेंस से जुड़े सामानों का इंपोर्ट कम से कम हो सके.

वायू सेना होगी मजबूत

रक्षा मंत्रालय ने हल्के लाइट आर्मर्ड मल्टी परपज व्हीकल्स के अलावा, इंटिग्रेटिड सर्विलांस और नेक्स्ट जेनरेशन के सर्वे करने वाले जहाजों को खरीदने की मंजूरी दी है. डीएसी ने भारतीय वायु सेना को मजबूत करने के लिए कई सामानों को खरीदने की मंजूरी है. डोर्नियर विमान का एवियोनिक अपग्रेडेशन शामिल है. साथ ही देश में तैयार किए गए ALH Mk-IV हेलीकॉप्टरों के लिए शॉर्ट रेंज एयर-टू-सरफेस मिसाइल ध्रुवास्त्र को भी खरीदने की मंजूरी मिली है.

खरीदे जाएंगे 12 सुखोई विमान

रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए 12 सुखोई 30MKI लड़ाकू विमान खरीदने को मंजूरी दी है. इसके बाद IAF की ताकत में और इजाफा होगा. इस विमान के निर्माण में 60 प्रतिशत सामान स्वदेशी होगा. इन विमानों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बनाएगा. विमान के निर्माण में 69 प्रतिशत से ज्यादा सामान स्वदेशी होगा. सारे 12 सुखोई विमान हथियार और सेंसर से लैस होंगे. रक्षा मंत्रालय ने जिन 12 सुखोई लड़ाकू विमानों को मंजूरी दी है वो पिछले 12 सुखोई विमानों की जगह लेंगे जो बीते सालों में हादसे के चलते खत्म हो चुके हैं. इनकी खासियत की बात करें तो यह हवा से जमीन और हवा से हवा में एकसाथ युद्ध लड़ सकता है.

यह एक मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. जो हवा से जमीन और हवा से हवा में एकसाथ युद्ध लड़ सकता है. यह तेज और धीमी गति में हवा में कलाबाजियां खाते हुए दुश्मन को धोखा देते हुए उनपर हमला कर सकता है. Sukhoi Su-30MKI रूस के Su-27 का एडवांस्ड वर्जन है. भारतीय वायुसेना के पास 272 Su-30MKI हैं. यह इकलौता ऐसा फाइटर जेट है, जिसे अलग-अलग देश अपने हिसाब से ढाल लेते हैं. या बदलाव करवाते हैं. ताकि अपने देश की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से उसकी तैनाती कर सकें.

60 ये 65 फीसदी खरीदा जाएं स्वदेशी सामान

इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि अब स्वदेशीकरण की दिशा में और आगे बढ़ने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि आईडीडीएम प्रोजेक्ट्स के तहत 50 फीसदी घर पर बने सामानों की लिमिट को बढ़ाना जरूरी हो गया है और इसे 60 से 65 फीसदी करने की समय आ गया है. उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सेवा प्रमुखों, रक्षा सचिव और डीजी (अधिग्रहण) को भारतीय उद्योग के परामर्श से न्यूनतम स्वदेशी सामान की लिमिट बढ़ाने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया है.