Vikrant Shekhawat : Jul 23, 2021, 07:50 AM
बीजिंगः चीन ने गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए दूसरे चरण की स्टडी के प्लान को खारिज कर दिया. चीन ने डब्ल्यूएचओ के प्रस्ताव पर हैरानी जताई है. चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) के उपाध्यक्ष जेंग यिशिन ने गुरुवार को कहा कि चीन वायरस की उत्पत्ति की स्टडी का राजनीतिकरण करने का विरोध करता है.चीन की तीखी प्रतिक्रिया डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम के बयान के बाद आई है. उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि कोविड -19 महामारी और एक लैब रिसाव के बीच एक संभावित लिंक को खारिज करना जल्दबाजी होगी. डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए चीन को दूसरे चरण की स्टडी का प्रस्ताव दिया था, जिसमें वुहान लैब और मार्केट का ऑडिट करना भी शामिल था. इसके साथ ही वैज्ञानिकों की जांच में चीन से और अधिक पारदर्शिता की मांग की गई. चीन ने प्रस्ताव को बताया वैज्ञानिक तथ्यों का अनादरजेंग ने कहा कि चीन डब्ल्यूएचओ योजना के वर्तमान वर्जन को स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि इसमें राजनीतिक हेरफेर की गई है और यह वैज्ञानिक तथ्यों का अनादर करता है. चीनी राज्य मीडिया ने ज़ेंग के हवाले से कहा कि प्रस्तावित स्टडी के दूसरे चरण में इस परिकल्पना को लिस्टेड किया गया है कि चीन ने लैब रूल्स का उल्लंघन किया था और वायरस को रिसर्च ऑब्जेक्ट के रूप लीक हुआ था. उन्होनें कहा कि प्रस्ताव को पढ़ने के उनको बहुत हैरानी हुई.जेंग ने कहा कि “डब्ल्यूएचओ को चीनी वैज्ञानिकों की सलाह पर ध्यान से विचार करना चाहिए. राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त एक वैज्ञानिक प्रश्न के रूप में कोविड -19 वायरस की उत्पत्ति की जांच करनी चाहिए और विभिन्न देशों में वायरस की उत्पत्ति की निरंतर और उचित जांच करनी चाहिए.”लैब से वायरस उत्पत्ति को खारिज करता रहा है चीनचीन ने अंतरराष्ट्रीय राय के का कड़ा विरोध करता रहा है जिसमें वुहान में एक उच्च सुरक्षा वाली बायो लैब को वायरस का स्रोत बताया जाता है. चीन इस बात को खारिज करता रहा है. 2019 के अंत में चीनी शहर वुहान में कोरोना वायरस के पहले मामलों की पहचान की गई थी. महामारी से लाखों लोगों की जान जा चुकी है और करोड़ों संक्रमित हो चुके हैं. महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था को ठप हो गई है.