Vikrant Shekhawat : Dec 25, 2024, 06:00 AM
World Health Organization: डोनाल्ड ट्रंप का विवादों से नाता कोई नई बात नहीं है। उनके तीखे बयानों और आक्रामक नीतियों ने अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंच पर हलचल मचाई है। अब, 2024 में सत्ता में लौटने की संभावना को लेकर अमेरिकी मीडिया में चर्चाएं गर्म हैं। इनमें से एक प्रमुख अटकल यह है कि ट्रंप, राष्ट्रपति बनने पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका को अलग कर सकते हैं। यह कदम न केवल वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में बड़ा बदलाव ला सकता है, बल्कि महामारी और स्वास्थ्य संकटों से निपटने की वैश्विक क्षमता को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
ट्रंप और WHO: पुराना विवाद
डोनाल्ड ट्रंप का WHO से विवाद उनके पहले कार्यकाल में ही शुरू हो गया था। उन्होंने कोविड-19 महामारी के शुरुआती चरणों में WHO पर चीन का पक्ष लेने और प्रभावी कदम न उठाने का आरोप लगाया। 2020 में, महामारी के चरम पर, उन्होंने अमेरिका को WHO से अलग करने का फैसला किया और फंडिंग भी रोक दी। हालांकि, उनके उत्तराधिकारी जो बाइडेन ने इस फैसले को पलट दिया और अमेरिका की सदस्यता बहाल की।ट्रंप के WHO से बाहर होने की योजना ने वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ा दी है। यदि ट्रंप राष्ट्रपति बनते हैं और यह कदम उठाते हैं, तो अमेरिका को WHO को एक साल पहले नोटिस देना होगा, और इस दौरान फंडिंग और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं पर निर्णय लेना होगा।अमेरिका का WHO से हटना: संभावित प्रभाव
अमेरिका WHO का सबसे बड़ा वित्तीय सहयोगी है, जो संगठन के कुल बजट का 16% योगदान देता है। यदि अमेरिका सदस्यता छोड़ता है, तो WHO की कई प्रमुख योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं, जैसे:- पोलियो उन्मूलन: पोलियो उन्मूलन के लिए WHO के कुल बजट का लगभग 19% खर्च होता है।
- वैश्विक निगरानी: महामारी और नई बीमारियों की निगरानी प्रणाली कमजोर हो सकती है।
- अफ्रीकी देशों की सहायता: अफ्रीकी देशों में स्वास्थ्य संकटों से निपटने के लिए WHO द्वारा प्रदान की जाने वाली फंडिंग में कटौती हो सकती है।
चीन का बढ़ता प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की अनुपस्थिति से चीन और अन्य प्रभावशाली देशों को WHO पर अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिलेगा। इससे वैश्विक स्वास्थ्य नीतियों में शक्ति संतुलन बिगड़ सकता है। इसके अलावा, ट्रंप के इस कदम का असर यूरोप और अन्य देशों पर भी पड़ सकता है, जहां दक्षिणपंथी नेताओं द्वारा अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अलग होने की मांग तेज हो सकती है।WHO की फंडिंग संरचना
WHO को तीन प्रकार से धन मिलता है:- असेस्ड कॉन्ट्रीब्यूशन: सदस्य देशों द्वारा आबादी और आर्थिक स्थिति के आधार पर तय की गई राशि।
- वॉलेंटरी कॉन्ट्रीब्यूशन: सरकारों और चैरिटी संगठनों द्वारा स्वैच्छिक चंदा, जो अक्सर विशेष परियोजनाओं के लिए होता है।
- दो साल का बजट: WHO का बजट दो साल के लिए तय होता है, जैसे 2018-2019 में 5.6 अरब डॉलर और 2020-2021 में 4.8 अरब डॉलर का बजट निर्धारित किया गया था।