विशाखापत्तनम / दिल्ली को 6 विकेट से हरा चेन्नई आईपीएल-12 के फाइनल में पहुंची

विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) में शुक्रवार को आईपीएल-12 के दूसरे क्वॉलिफायर में दिल्ली कैपिटल्स को 6 विकेट से हराकर चेन्नई सुपर किंग्स 8वीं बार टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गई। वहीं, अब चेन्नई की टीम रविवार को फाइनल मुकाबले में मुंबई इंडियंस से भिड़ेगी। इससे पहले 7 फाइनल मुकाबलों में से 3 बार चेन्नई ने आईपीएल खिताब अपने नाम किया है। चेन्नई के लिए ओपनर्स शेन वॉटसन (50 रन) और फॉफ डुप्लेसिस (50 रन) ने जीत की नींव रखी।

iplt20.com : May 11, 2019, 09:14 AM
खेल डेस्क. चेन्नई सुपरकिंग्स ने शुक्रवार रात आईपीएल के क्वालिफायर-2 में दिल्ली कैपिटल्स को 6 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही वह फाइनल में पहुंच गया। चेन्नई के लिए मैच में उसके ओपनर्स शेन वॉटसन (50 रन) और फॉफ डुप्लेसिस (50 रन) ने जीत की नींव रखी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 81 रन की साझेदारी की। यह इस सीजन में उसके ओपनर्स की सबसे बड़ी साझेदारी है। दोनों ने किसी एक मैच में पहली बार अर्धशतक लगाए।

चेन्नई की सबसे कमजोर कड़ी थे ओपनर्स

टीम के लिए सीजन में अब तक सबसे कमजोर कड़ी उसके ओपनर्स ही थे। वे इस मैच से पहले दो बार ही 50 से ज्यादा रन की साझेदारी कर पाए थे। पिछले 6 मैच में उसके ओपनर्स पहले विकेट के लिए एक बार ही दहाई के अंक में साझेदारी कर पाए।

धोनी ने ताहिर से पहले जडेजा को गेंद सौंपी

मैच में धोनी ने अपने अनुभव का इस्तेमाल किया। उन्होंने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। हरभजन सिंह से पावर प्ले में ही गेंदबाजी कराई। धोनी ज्यादातर मैच में रविंद्र जडेजा से इमरान ताहिर के बाद गेंदबाजी कराते थे, लेकिन दिल्ली के खिलाफ जडेजा को पहले गेंद सौंपी। जडेजा ने कॉलिन मुनरो को विकेट ले लिया। यहां से मैच में चेन्नई का पलड़ा भारी हुआ। नतीजा यह रहा कि दिल्ली 147 रन का स्कोर ही बना पाया।

धोनी ने खिलाड़ियों पर भरोसा कायम रखा

धोनी की उम्र 37 साल, जबकि अय्यर की उम्र 23 साल है। धोनी उनके मुकाबले 14 साल बड़े हैं। उन्होंने 3 बार आईपीएल खिताब भी अपने नाम किया है। इस मैच में अय्यर की टीम बिखरी-बिखरी नजर आई। टूर्नामेंट के अहम पड़ाव पर धोनी ने टीम को एकजुट किया। शेन वॉटसन, अंबाती रायडू जैसे खिलाड़ी ग्रुप स्टेज में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए थे, लेकिन उन्हें लगातार मौके दिए।

अय्यर की कप्तानी में अनुभव की कमी

अय्यर ने मैच में क्रिस मॉरिस जैसे अनुभवी ऑलराउंडर को बाहर बैठाकर रखा। उनकी जगह शेरफेन रदरफोर्ड और कीमो पॉल को तरजीह दी। पॉल ने कई मैच में बेहतर गेंदबाजी की, लेकिन रदरफोर्ड बल्लेबाजी में कुछ खास नहीं कर पाए। उन्होंने 7 मैच में 14.60 की औसत से 73 रन ही बनाए। पॉल ने इस मैच में 3 ओवर में 49 रन दिए। यहीं से दिल्ली की टीम पिछड़ती चली गई। चेन्नई के शार्दुल ठाकुर ने पहले ओवर में 13 रन दिए थे, उसके बाद धोनी ने उनसे गेंदबाजी नहीं कराई थी।

शुरुआती बल्लेबाजों के आउट होने से दिल्ली फ्लॉप

दिल्ली की सबसे बड़ी कमजोरी उसके मध्यक्रम के बल्लेबाज रहे। इस मैच में उसके ओपनर्स पावर प्ले में आउट हो गए। उसके बाद मध्यक्रम फिर से फ्लॉप हो गया। ऋषभ पंत ही 38 रन बना पाए। कप्तान अय्यर 13, अक्षर पटेल 3 और शेरफेन रदरफोर्ड 10 रन ही बना पाए। टीम प्रबंधन ने आक्रामक बल्लेबाज रदरफोर्ड की जगह कामचलाऊ बल्लेबाज अक्षर को बल्लेबाजी के लिए पहले भेजा। यह दांव उल्टा पड़ा।