Vikrant Shekhawat : Nov 25, 2024, 12:59 PM
Parliament Winter Session: भारत की संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। इस सत्र की शुरुआत से ही राजनीतिक और विधायी गतिविधियों में तेज़ी देखने को मिल रही है, क्योंकि देश के दो महत्वपूर्ण राज्यों महाराष्ट्र और झारखंड में हाल ही में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने एक बड़ी जीत हासिल की, जबकि झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाला जेएमएम गठबंधन विजयी रहा। इन चुनावों के परिणामों ने संसद में भाजपा सांसदों को नए जोश और उत्साह से भर दिया है, जबकि विपक्ष ने सरकार पर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल उठाए हैं।लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही का स्थगनशीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। लोकसभा ने पहले दिवंगत सांसदों वसंत राव चव्हाण, नूरुल इस्लाम, एम एम लॉरेंस, एम पार्वती और हरीश चंद्र देवराव चव्हाण को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसके बाद सत्र स्थगित कर दिया गया। दूसरी ओर, राज्यसभा में अडानी ग्रुप के खिलाफ आरोपों को लेकर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया, जिसके परिणामस्वरूप राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई। विपक्ष का आरोप है कि इस मामले पर संसद में गंभीर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन सभापति ने इस पर नोटिस को अस्वीकार कर दिया, जिससे विवाद और तनाव बढ़ गया। अब दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार, 27 नवंबर से पुनः शुरू होगी।सर्वदलीय बैठक का आयोजनरविवार को शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें 30 राजनीतिक दलों के 42 नेताओं ने भाग लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं ने संसद के सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की। विपक्षी दलों ने अडानी समूह के खिलाफ अमेरिका में लगे आरोपों की जांच को लेकर संसद में चर्चा की मांग की। वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि संसद में उठाए जाने वाले मामलों पर संबंधित अध्यक्ष की सहमति से ही निर्णय लिया जाएगा, और सरकार ने सभी दलों से संसद का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने की अपील की।विपक्षी सांसदों का सक्रिय विरोधकांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने लोकसभा में अडानी मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया, जिसमें उन्होंने सरकार से इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की। साथ ही उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक और आर्थिक अखंडता को बनाए रखने के लिए निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामगोपाल यादव ने यूपी के संभल जिले में हुई हिंसा पर ध्यान केंद्रित किया और इसे पूरी तरह से जिला प्रशासन की लापरवाही का परिणाम बताया।सपा सांसद धर्मेंद्र यादव और अवधेश प्रसाद ने भी इस घटना को दुखद बताते हुए यूपी सरकार से ऐसी घटनाओं को दोबारा न होने देने की मांग की। इन मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन में हंगामा किया और इन पर गहन चर्चा की आवश्यकता बताई।वक्फ विधेयक पर चर्चा की संभावनाइस शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक पर भी चर्चा की उम्मीद जताई जा रही है। इस विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि रिपोर्ट तैयार है और सभी सदस्यों के बीच सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने समिति के कार्यकाल को 29 नवंबर तक बढ़ाने की मांग की है, ताकि इस विधेयक पर विस्तृत चर्चा हो सके। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर समय बढ़ाने की मांग की, क्योंकि उन्हें लगता है कि रिपोर्ट जल्दबाजी में तैयार की गई है और सभी पक्षों को सुना जाना चाहिए।डिजिटल हस्ताक्षर प्रणाली की शुरुआतलोकसभा द्वारा एक नई पहल की गई है, जिसके तहत सांसदों को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अब डिजिटल पेन का उपयोग करना होगा। इसके तहत, सांसदों को अब एक इलेक्ट्रॉनिक टैब पर हस्ताक्षर करने होंगे, जिससे उनका उपस्थिति रिकॉर्ड किया जाएगा। यह बदलाव सांसदों की उपस्थिति को डिजिटल रूप से ट्रैक करने की दिशा में एक कदम है और इसे पारंपरिक मोबाइल ऐप के स्थान पर लागू किया गया है।निष्कर्षसंसद का शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण मुद्दों और विवादों से भरा हुआ प्रतीत हो रहा है। जहां एक ओर सरकार नए विधेयकों पर चर्चा करने के लिए तैयार है, वहीं विपक्षी दल कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। इस सत्र में अडानी ग्रुप के खिलाफ आरोपों, वक्फ संशोधन विधेयक और संभल हिंसा जैसे मुद्दों पर तीव्र बहस की संभावना है। यह सत्र राजनीति और समाज के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करने के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।