Vikrant Shekhawat : Apr 22, 2022, 03:38 PM
दिल्ली सरकार ने स्कूलों में कोरोना से निपटने की तैयारी कर ली है। सरकार ने स्कूल बिना बंद किए इस महामारी से कैसे लड़ा जाए इसके लिए नई गाइडलाइन तैयार की है। इसमें स्कूलों में अलग से क्वारंटीन रूम बनाने से लेकर शिक्षकों द्वारा रोजाना बच्चों से उनका और उनके परिवार का हाल पूछने तक जैसे नियम शामिल हैं।दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में बीते दिनों फैसला लिया गया था कि अब राजधानी के स्कूल कोरोना के चलते बंद नहीं किए जाएंगे बल्कि नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को तैयार किया जाएगा। इस एसओपी के आधार पर ही स्कूलों में कोरोना से निपटने की तैयारी होगी। इसी के तहत दिल्ली सरकार ने आज सात बिंदुओं वाली एसओपी जारी की है।1- जनरल गाइडलाइन
- हेड ऑफ स्कूल शिक्षकों और अभिभावकों से नियमित रूप से बैठक करें और कोरोना की रोकथाम को लेकर चर्चा करें। साथ ही बच्चों व अभिभावकों में टीकाकरण को प्रेरित करें।
- जब भी जरूरी हो हेड ऑफ स्कूल अभिभावकों व टीचरों के साथ बच्चों के अटेंडेंस और उनमें आत्मविश्वास लाने के लिए भी बैठकें करें।
- सभी स्टाफ और बच्चों का टीकाकरण हो ये स्कूल की सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
- स्कूल में यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी उचित रूप से मास्क पहन रहे हैं।
- वाश बेसिन व पानी का स्कूलों में पर्याप्त इंतजाम होना चाहिए।
- हेड ऑफ स्कूल की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों के प्रवेश और निकास के समय सभी द्वार पर यह ध्यान रखें कि भीड़-भाड़ न होने पाए।
- बच्चों को उनका लंच शेयर करने से मना किया जाए।
- कॉमन एरिया का बार-बार सैनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए।
- क्लासरूम आदि जगह भी बार-बार साफ हो।
- एंट्री गेट पर भी सैनिटाइजेशन की सुविधा हो।
- स्कूल की जिम्मेदारी है कि वह इन लक्षणों की जांच बच्चों और शिक्षकों में जरूर करें-
- बुखार होना या ठंड लगना
- खांसी
- सांस लेने में तकलीफ
- चक्कर आना
- मसल या शरीर में दर्द होना
- सिरदर्द
- स्वाद या महक का न आना
- गले में खराश
- नाक बहना या जाम होना
- जी मिचलाना या उल्टी आना
- डायरिया