मौसम / दिल्ली में गुरुवार का दिन 9 साल में जुलाई का सबसे गर्म दिन रहा, 43.1°C तक पहुंचा तापमान

भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि दिल्ली में गुरुवार को 43.1°C अधिकतम तापमान दर्ज हुआ जो राष्ट्रीय राजधानी में 2012 के बाद जुलाई माह का सर्वाधिक अधिकतम तापमान है। दिल्ली में 2 जुलाई 2012 को 43.5°C अधिकतम तापमान दर्ज हुआ था। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में 7 जुलाई तक मॉनसून के पहुंचने की कोई संभावना नहीं है।

Vikrant Shekhawat : Jul 02, 2021, 12:43 PM
नई दिल्ली: पूरे उत्तर भारत (North India Weather) में गर्मी झुलसा रही है.  राजधानी दिल्ली (Delhi Weather) में जुलाई के पहले दिन ने सबसे गर्म दिन का 89 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. तीन चार दिन से पारा 43 डिग्री के पार है. फिलहाल राहत के आसार नहीं है. दिल्ली में तापमान औसत से 7 डिग्री तक ज्यादा रहा. इस बीच मौसम विभाग ने कहा कि अगले सात दिनों तक गर्मी में ज्यादा कमी नहीं आएगी. इस पर एक बुरी खबर ये है कि कम से कम दो दिनों तक तो बारिश के कोई आसार नहीं हैं. मौसम विभाग ने कहा है कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में गर्मी की लहर यूं ही जारी रहेगी.  IMD के क्षेत्रीय प्रमुख ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली एनसीआर का तापमान 42-43 डिग्री तक रहेगा. तेज हवाएं चलेंगी. 2-3 जुलाई को हल्की बारिश की उम्मीद है, जिससे तापमान घटकर 38 डिग्री सेल्सियस पर आ जाएगा.

आईएमडी ने कहा कि राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में 7 जुलाई से पहले मॉनसून की बारिश होने की कोई संभावना नहीं है. इसके बाद क्षेत्र में जुलाई के शुरुआती 15 दिनों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया गया है. पिछले कुछ दिनों में देश के उत्तरी मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पश्चिमी राजस्थान और पंजाब को छोड़ देश के बाकी हिस्सों में पहुंच गया है। हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में कई स्थानों पर असामान्य रूप से अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है.

लद्दाख की नुब्रा घाटी के थोइस और हिमाचल प्रदेश के सोलन में तापमान क्रमश: 31 डिग्री सेल्सियस और 35.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. देश के सबसे ठंडे इलाकों में से एक द्रास में भी अधिकतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. द्रास में तापमान एक समय शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है.

पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तर-पश्चिम राजस्थान और उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में ‘लू' का कहर जारी रहा जबकि अलग-अलग हिस्सों में लोगों को भीषण ‘लू' का सामना करना पड़ा. आईएमडी के मुताबिक- बृहस्पतिवार को पूर्वोत्तर राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों में भीषण ‘लू' का कहर देखने को मिला.

राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि इस मौसम के सामान्य तापमान से छह डिग्री अधिक है. दिल्ली में बृहस्पतिवार को बिजली की मांग बढ़कर 7,026 मेगावाट तक हो गयी जोकि इस बार के मौसम की अब तक की सबसे अधिक मांग है. दिल्ली में सोमवार से ही लू का कहर शुरू हो गया था जब अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. दिल्ली के पड़ोसी शहर गुरुग्राम में बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस अधिक रहा.

हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में लोगों को भीषण गर्मी के साथ लू का सामना करना पड़ा. हिसार में अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रोहतक और भिवानी दोनों ही शहरों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

पंजाब के पटियाला में अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से सात डिग्री अधिक है. बठिंडा में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 41.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गुरदासपुर का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. चंडीगढ़ में भी अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

भीषण गर्मी के बीच पंजाब में प्रति दिन बिजली की मांग 14,000 मेगावाट से अधिक हो गई है, जिसके कारण सरकारी बिजली आपूर्तिकर्ता पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को मजबूरन बिजली कटौती और उद्योगों पर पाबंदियां लगानी पड़ रही हैं. 

राज्य में बिजली आपूर्ति में कथित अनियमितता से उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके खिलाफ लोगों ने कई जगह विरोध प्रदर्शन किए और सड़कों को जाम कर दिया। विपक्ष ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर राज्य में बिजली की मांग के अनुरूप आपूर्ति करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. पीएसपीसीएल के मुताबिक, बुधवार को राज्य में बिजली की मांग 14,142 मेगावाट तक पहुंच गयी जबकि आपूर्ति 12,842 मेगावाट की है.

मौसम विभाग ने कहा, "पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, उत्तरी राजस्थान के अलावा उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश में दो जुलाई तक लू चलने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक अरब सागर से उत्तर पश्चिम भारत की ओर वायुमंडल के निचले हिस्से में संभावित शुष्क पछुआ/दक्षिण पछुआ हवाओं के कारण पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश में अगले दो दिनों के दौरान लू की स्थितयां बनी रहने की संभावना है.

जुलाई के पूर्वानुमान की जानकारी देते हुए विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि प्रथम सप्ताह में अच्छी बारिश होने की उम्मीद नहीं है, लेकिन महीने के दूसरे हफ्ते के दूसरे हिस्से से इसके जोर पकड़ने की संभावना है. 

विभाग ने कहा, ‘‘देश में जुलाई 2021 में मासिक बारिश कुल मिलाकर सामान्य (दीर्घ अवधि औसत का 94 से 106 प्रतिशत) रहने की संभावना है.'' उन्होंने बताया, ‘‘ पश्चिमोत्तर भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम या सामान्य बारिश की संभावना है जबकि मध्य भारत, उससे जुड़े प्रायद्वीपीय भारत और गंगा के मैदान में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान है.'' महापात्र ने बताया कि मॉनसून के सात जुलाई से पहले गति पकड़ने की संभावना कम ही है। 19 जून से मानसून के सक्रिय होने में कोई प्रगति नहीं देखी गई है. जून में सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई थी। इसमें से भी अधिकतर बारिश तीन जून से 19 जून के बीच हुई थी. महापात्र ने बताया कि मध्य अक्षांशीय हवाएं,मैडेन-जूलियन ऑसीलेशन (एमजेओ) की प्रतिकूल स्थिति, उत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र नहीं बनना मानसून ब्रेक (मानसून के मौसम में बारिश के दो सत्र के बीच का अंतर) के कारण हैं.