दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने हाई कोर्ट (High Court) में अपना जवाब दाखिल करि दिया है. अपने जवाब में दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया है कि वारिश पठान (Warish Pathan), सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid), असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) सहित अन्य नेताओं द्वारा सीएए (CAA) के खिलाफ दिए गए बयानों की जांच की जा रही है. वहीं पिछली सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस ने बीजेपी (BJP) नेता अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur), प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma), कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) और अभय वर्मा को भड़काऊ भाषण देने के मामले में क्लीन चिट दे दी थी. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि क इन बीजेपी नेताओ के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली हिंसा मामले में याचिकाकर्ता अजय गौतम की याचिका पर दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में जवाब दायर किया है.
प्रदर्शनकारी महिलाओं और बच्चों का शील्ड की तरह कर रहे थे इस्तेमाल
हाईकोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध में विरोध प्रदर्शनों को लेकर 10 एफआईआर दर्ज की थी. उन्होंने कोर्ट ने बताया कि दिल्ली पुलिस प्रदर्शनकारियों से लगातार अनुरोध कर रही थी कि उनके प्रदर्शन की वजह से रास्ते बंद है, जिससे अनेक लोगों को दिक्कत हो रहीं हैं. लोग परेशान हो रहे है. लॉ एंड आर्डर खराब हो रहा है. लेकिन, प्रदर्शनकारियों पर इसका कोई प्रभाव नही पड़ा. प्रदर्शन में महिलाओं और बच्चों को शील्ड की तरह आगे रख कर इस्तेमाल किया गया. जिससे पुलिस कार्रवाई करने में असमर्थ हो गई.
10 हजार प्रदर्शनकारियों ने घेरा जाफराबाद मेट्रो स्टेशन
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि 22 फरवरी 2020 को तकरीबन 10 हज़ार प्रदर्शकारियों ने जफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे 66 फुट रोड पर आ कर प्रदर्शन करने लगे. ये सभी लोग एक ही समुदाय के लोग थे और यहां भी महिलाओं और बच्चों को शील्ड तरह इस्तेमाल किया गया था. जब ये रास्ता ब्लॉक हो गया, तब लोगो को काफी दिक्कत होने लगी. 23 फरवरी 2020 को मौजपुर इलाके से कुछ लोग आए और प्रदर्शन करने वाले लोगों को यहां से उठाने की मांग करने लगे, तब हिंसा हुई. जो प्रदर्शनकारी जफराबाद मेट्रो स्टेशन पर 22 फरवरी 2020 की रात को आकर रोड ब्लॉक किये थे, इस बारे में पुलिस से प्रदर्शनकारियों ने इजाजत नहीं ली थी.
दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने दर्ज की थीं 750 एफआईआर
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को जानकारी दी कि फिलहाल अभी तक नार्थ ईस्ट हिंसा मामले में पुलिस 750 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की हैं. जिसमे से 174 मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दायर की जा चुकी है और मामले में जांच जारी है. पुलिस ने बताया कि कोरोना महामारी और गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के बाद दिल्ली में सभी प्रदर्शन स्थल को खाली करा लिया गया है. एन्टी सीएए प्रदर्शन के खिलाफ वारिश पठान, असाउद्दीन ओवैसी, सलमान खुर्शीद समेत अन्य नेताओं द्वारा दिये गए भड़काऊ भाषण से दिल्ली में हिंसा हुई है. इस बाबत अभी जांच चल रही है. पिछली सुनवाई के समय दिल्ली पुलिस ने हिंसा मामले में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा, अभय वर्मा को भड़काऊ भाषण मामले में क्लीन चिट दे दी थी.
अजय गौतम की याचिका पर हो रही है सुनवाई
आपको बता दे कि याचिकाकर्ता अजय गौतम ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि वारिश पठान, असाउद्दीन ओवैसी, सलमान खुर्शीद समेत अन्य नेताओं द्वारा दिये गए एंटी सीएए बयान पर मुकदमा दर्ज हो, क्योंकि इनके भड़काऊ भाषण से नार्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा हुई है. साथ ही, जहां-जहां पर प्रदर्शन कर रहे लोगों की वजह से रोड ब्लॉक हुआ है, उसे दिल्ली पुलिस खाली करवाये. साथ ही, याचिका में यह भी कहा गया है कि दिल्ली पुलिस एंटी सीएए प्रोटेस्ट को दिल्ली पुलिस सही तरीके से हैंडल करती तो नार्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा नही होता.