महाराष्ट्र / गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं: भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच वीडियो शेयर कर देशमुख

भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि उनको लेकर गलत सूचनाएं फैलाकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। बकौल देशमुख, वह कोविड-19 होने के चलते 5-15 फरवरी तक अस्पताल में थे, 15 फरवरी को प्राइवेट प्लेन से मुंबई आए व 27 फरवरी तक होम क्वारंटीन थे।

Vikrant Shekhawat : Mar 23, 2021, 01:06 PM
मुंबई: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) द्वारा लगाए गए 100 करोड़ रुपये की उगाही के आरोप पर सफाई दी है. ट्विटर पर वीडियो शेयर कर अनिल देशमुख ने उगाही के आरोपों के अलावा 5 फरवरी से 15 फरवरी तक हॉस्पिटल में रहने के अलावा 15 फरवरी को चार्टर प्लेन से मुंबई जाने की बात भी स्वीकार की है.

अनिल देशमुख 15 फरवरी को नागपुर से गए थे मुंबई

ट्विटर पर वीडियो शेयर कर अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने बताया कि 'कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से 5 फरवरी से 15 फरवरी तक नागपुर के हॉस्पिटल में भर्ती था. इसके बाद 15 फरवरी को चार्टर प्लेस से मुंबई गया था. इसके लिए हॉस्पिटल से अनुमति ली थी, जिसमें डॉक्टरों ने मुझे विमान यात्रा के लिए फिट बताया था.' इसके साथ ही अनिल देशमुख ने परमबीर सिंह के आरोप को गलत बताया है और कहा है कि आरोपों की वजह से वह काफी परेशान हैं.

ब्रीफिंग के लिए कुछ अधिकारी आते थे मेरे घर: अनिल देशमुख

अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों से इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में मेरे बारे में कई गलत खबरें चल रही हैं. आप सबको मालूम है कि कोरोना के बीते एक साल के समय में मैं पूरे प्रदेश भर में घूमकर पुलिसकर्मियों से मिलता रहा और उनका हौसला बढ़ाता रहा. बीते 5 फवरी को मेरी कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 5 फरवरी से लेकर 15 फरवरी तक मैं अस्पताल में रहा. 15 फरवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद डॉक्टर की सलाह थी कि मैं 10 दिन होम क्वारंटीन में रहूं.'

उन्होंने आगे कहा, '15 तारीख को ही मैं प्राइवेट प्लेन से मुंबई आ गया और उसके बाद डॉक्टर्स की सलाह पर ही रोज देर रात में मैं पार्क में प्राणायाम के लिए जाता था. नागपुर में मेरे हॉस्पिटल में रहने के दौरान और बाद में होम क्वारंटीन के दौरान मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुछ मीटिंग और कार्यक्रम अटेंड किए थे. होम क्वारंटीन के बाद 1 मार्च से हमारा बजट अधिवेशन शुरू होना था, जिसके लिए सत्र में प्रश्नोत्तर और सूचनाओं पर ब्रीफिंग के लिए कुछ अधिकारी मेरे घर पर आते थे. शासकीय काम से पहली बार 28 फरवरी को मैं मेरे घर से बाहर निकला.'

शरद पवार ने किया अनिल देशमुख का बचाव

इससे पहले शरद पवार (Sharad Pawar) ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अनिल देशमुख का बचाव किया था. उन्होंने कहा था कि अनिल देशमुख और सचिन वझे के बीच बातचीत के आरोप गलत हैं, क्योंकि फरवरी महीने में देशमुख अस्पताल में भर्ती थे. इस दौरान शरद पवार ने अनिल देशमुख के अस्पताल में भर्ती होने का पर्चा भी दिखाया और कहा कि कोरोना वायरस की संक्रमण की वजह से वह 5 से 15 फरवरी तक नागपुर के अस्पताल में भर्ती थे. इसके बाद 16 फरवरी से 27 फरवरी तक वह होम आइसोलेशन में थे. शरद पवार ने कहा, 'इससे यह साफ हो जाताया है कि अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोप गलत थे, ऐसे में उनके इस्तीफे का सवाल नहीं उठता है. परमबीर सिंह के आरोपों से महाराष्ट्र सरकार पर कुछ असर नहीं पड़ेगा.'

पूर्व पुलिस कमीश्नर ने लगाए थे गंभीर आरोप

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करके उन्हें पहुंचाएं. आरोपों के बाद दिल्ली में शरद पवार के घर पर एनसीपी की बैठक हुई, जिसमें एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार, सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल शामिल हुए. बैठक के बाद शरद पवार ने कहा कि परमबीर सिंह की चिट्ठी में लगाए गए आरोप गंभीर जरूर हैं, लेकिन इसमें कोई सबूत नहीं दिया गया है. इन आरोपों की गहन जांच की जरूरत है और उद्धव ठाकरे इस मामले में आखिरी फैसला लेंगे.