- भारत,
- 17-Apr-2025 08:51 PM IST
Manipur Violence: मणिपुर में पिछले दो वर्षों से चल रहे जातीय संघर्ष के बीच एक बड़ी कानूनी और राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि मणिपुर की वायरल हुई ऑडियो क्लिप पर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (FSL) की रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और इसे जल्द ही सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश किया जाएगा। इस ऑडियो क्लिप में कथित रूप से मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की आवाज है, जिसमें वे हिंसा के लिए उकसाते सुनाई दे रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में 5 मई को अगली सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और राज्य सरकार के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद सुनवाई की अगली तारीख 5 मई तय की है। यह मामला कुकी मानवाधिकार संगठन (KOHUR) द्वारा दायर याचिका से संबंधित है, जिसमें मांग की गई थी कि इस लीक ऑडियो की निष्पक्ष जांच हो और पूर्व सीएम एन बीरेन सिंह की भूमिका की कोर्ट की निगरानी में एसआईटी द्वारा जांच करवाई जाए।
गंभीर आरोप और जांच की मांग
प्रसिद्ध अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने याचिका की पैरवी करते हुए कोर्ट में कहा कि एक स्वतंत्र लैब की जांच में यह पाया गया है कि ऑडियो क्लिप में 93 प्रतिशत तक आवाज एन बीरेन सिंह की ही है। उन्होंने दावा किया कि इस बातचीत में स्पष्ट रूप से राज्य मशीनरी और हिंसा में संलिप्त लोगों की मिलीभगत का संकेत मिलता है। भूषण के अनुसार, क्लिप में सिंह को हमलावरों का समर्थन करते और कुकी समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काते सुना जा सकता है।
FSL रिपोर्ट पर निगाहें टिकीं
पिछले साल नवंबर में तत्कालीन सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने KOHUR को लीक ऑडियो की प्रामाणिकता से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। अब जबकि केंद्र ने पुष्टि कर दी है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट तैयार है, सभी की निगाहें इस रिपोर्ट की सामग्री पर टिकी हैं, जिसे 5 मई को सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा।
मणिपुर में लंबे समय से जारी है जातीय हिंसा
गौरतलब है कि मई 2023 से मणिपुर जातीय हिंसा की चपेट में है, जिसमें अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों नागरिकों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। हिंसा मुख्यतः मैतेई और कुकी समुदायों के बीच है। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में भड़की हिंसा अब तक शांत नहीं हो पाई है।