Nirmala Sitharaman / 2017-18 के मुकाबले बेरोजगारी दर घटी या बढ़ी? राज्यसभा में वित्त मंत्री ने दी ये चौंकाने वाली जानकारी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि देश में बेरोजगारी दर वित्तीय वर्ष 2017-18 के मुकाबले घटकर फिलहाल 10 प्रतिशत के लेवल पर आ गई है। यह छह साल में सबसे निचले स्तर पर आ गया है। खबर के मुताबिक, सीतारमण ने यह भी कहा कि पिछले पांच वर्षों में लगभग 13.5 करोड़ लोग 'बहुआयामी' गरीबी से बाहर निकले हैं। उनका कहना था कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था की गति को बरकरार रखे हुए है, जिसमें सभी क्षेत्र

Vikrant Shekhawat : Dec 08, 2023, 08:04 AM
Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि देश में बेरोजगारी दर वित्तीय वर्ष 2017-18 के मुकाबले घटकर फिलहाल 10 प्रतिशत के लेवल पर आ गई है। यह छह साल में सबसे निचले स्तर पर आ गया है। खबर के मुताबिक, सीतारमण ने यह भी कहा कि पिछले पांच वर्षों में लगभग 13.5 करोड़ लोग 'बहुआयामी' गरीबी से बाहर निकले हैं। उनका कहना था कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था की गति को बरकरार रखे हुए है, जिसमें सभी क्षेत्र आर्थिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

दूसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ रेट बहुत ऊंची

खबर के मुताबिक, सीतारमण ने कहा कि दूसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ रेट बहुत ऊंची रही, यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने की गति को लगातार बरकरार रख रहे हैं। सिर्फ पिछले आठ सालों में, भारत साल 2014 में 10वीं से आज पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। गतिविधियां पूरी अर्थव्यवस्था में हैं। ऐसा नहीं है कि एक क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, सभी क्षेत्र बढ़ रहे हैं और उल्लेखनीय रूप से बढ़ रहे हैं। हमें इस पर ध्यान देना है।

बढ़ती कीमतों पर चिंता

खबर के मुताबिक, कई विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने देश में बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई। इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार ने महंगाई पर काबू पाने के लिए काफी कुछ कदम उठाए हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में 7.8 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। हालांकि, अब यह रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के लक्ष्य के करीब है।

विनिर्माण क्षेत्र भी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम और उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना सहित सरकार द्वारा उठाए गए उपायों के दम पर विनिर्माण क्षेत्र भी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भारत दुनिया में दूसरा सबसे अधिक डिमांड वाला विनिर्माण गंतव्य है। वित्त मंत्री ने सदन को आगे बताया कि इस साल 9 नवंबर तक प्रत्यक्ष कर संग्रह में 21.82 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और आर्थिक विकास के संकेत में मंथली जीएसटी संग्रह 1.6 लाख करोड़ रुपये पर स्थिर हो गया है।