Live Hindustan : Nov 26, 2019, 01:27 PM
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में डॉक्टरों ने दुर्लभ सर्जरी के जरिए देश की अब तक की सबसे भारी किडनी शरीर से निकालने में सफलता हासिल की है। मरीज के शरीर से निकाली गई किडनी का वजन 7.4 किलोग्राम है और यह यह 32 x 21.8 सेंटीमीटर के आकार की है जबकि सामान्य किडनी का वजन 120 से 150 ग्राम के लगभग होता है। डॉक्टरों का दावा है कि उन्होंने जो किडनी निकाली है वह दुनिया में अभी तक की तीसरी सबसे भारी और भारत में सबसे भारी किडनी है। दुनिया की तीसरी सबसे भारी किडनी को निकालने में सफलता हासिल की है।द्रव जमा होने के बाद सूजती गई किडनीराजधानी दिल्ली के 56 वर्षीय शख्स के शरीर से यह किडनी निकाली गई है। यह शख्स पॉलीसिस्टिक किडनी डिसीज नामक एक आनुवांशिक किडनी की बीमारी से पीड़ित था। इसमें मनुष्य के शरीर में मौजूद दोनों किडनी में द्रव युक्त सिस्ट इकट्ठा होना शुरू हो जाते हैं। इससे किडनी में सूजन होनी शुरू हो जाती है। मरीज को यह समस्या साल 2006 से ही है। इसके बाद उसके स्वास्थ्य को देखते हुए यह ऑपरेशन करने का फैसला लिया गया।2 घंटे के जटिल ऑपरेशन में निकाली गई किडनीसर गंगाराम अस्पताल में डॉ. अजय शर्मा के साथ डॉ. सचिन कथूरिया और डॉ. जुहिल नानावती की टीम ने संयुक्त रूप से यह ऑपरेशन तकरीबन 2 घंटे के दौरान किया। इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि मरीज को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।परेशानी बढ़ने पर करना पड़ा ऑपरेशनडॉक्टरों ने बताया कि किडनी में लगातार सिस्ट जमा होने के चलते मरीज को सांस लेने में भी कठिनाई होने लगी थी। इसी के साथ दर्द भी बढ़ने लगा था। मेडिकल जांच के दौरान यह भी पता चला कि मरीज की बाईं किडनी के सिस्ट में आंतरिक रक्तस्राव और संक्रमण इस कदर बढ़ गया था कि ऑपरेशन ही अंतिम विकल्प बचा।डॉ. सचिन के मुताबिक, प्री-ऑपरेटिव स्कैन में एक बड़ी किडनी दिखाई दी, लेकिन हमें उम्मीद नहीं थी कि यह सबसे भारी होगी। इसने लगभग पूरे पेट पर कब्जा कर लिया था। चीजों को परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, किडनी का वजन दो मानव नवजात से अधिक था रोगी अच्छी तरह से ठीक हो रहा है और एक या दो दिन में अस्पताल से छुट्टी की योजना बनाई गई है।दुनिया की तीसरी सबसे भारी किडनी निकालीइससे पहले दो भारी किडनी निकालने की रिपोर्ट मिली,जिसमें एक 9 किलोग्राम (अमेरिका) और दूसरी 8.7 किलोग्राम (नीदरलैंड) है। ऐसे में यह अब तक निकाली जाने वाली तीसरी सबसे भारी किडनी है।जोखिम की वजह से नहीं किया था ऑपरेशनडॉक्टरों के मुताबिक, मरीज इससे लगातार पीड़ित और वर्ष 2006 से ही इसको लेकर ऑपरेशन की बात चल रही थी, लेकिन मरीज की जान को जोखिम में नहीं डालने की वजह से फैसला नहीं हो पा रहा था।