AajTak : Sep 24, 2020, 09:23 AM
Delhi: बड़ों की तरह बच्चों और टीनएजर्स को भी सिरदर्द की शिकायत हो सकती है। रिसर्च के मुताबिक, स्कूल जाने वाले 75 फीसदी बच्चों को सिरदर्द की शिकायत होती है। ये सिरदर्द कई वजहों से हो सकता है। स्टडीज का दावा है कि स्कूल जाने वाले 58।4 फीसदी बच्चों मे तनाव की वजह से सिरदर्द हो सकता है। वहीं कुछ बच्चों में सिर दर्द किसी बीमारी की वजह से भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि बच्चों में होने वाले सिर दर्द कितनी तरह के होते हैं।
बच्चों में क्यों होता है सिरदर्द- पढ़ाई में अच्छा ना होना, अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव और शारीरिक गतिविधि का कम होना बच्चों में सिरदर्द के कुछ मुख्य कारण हैं। बच्चों की सेहत कैसी है, क्या उसे पहले कोई बीमारी रही है, इन सब बातों के जरिए सिरदर्द की वजह का पता लगाया जा सकता है। सिरदर्द की वजह पता लगने के बाद डॉक्टर को दिखा कर इसका इलाज भी कराया जा सकता है।बच्चों में सिरदर्द की कुछ आम वजहें हैं, जो ज्यादातर बच्चों में पाई जाती है। कई बच्चे इसी तरह के सिरदर्द की शिकायत करते हैं। तनाव की वजह से होने वाला दर्द- तनाव की वजह से होने वाला सिरदर्द माथे के दोनों तरफ दर्द होता है। इसकी वजह से सिर और गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है। टीनएजर्स और बच्चों में सबसे ज्यादा तनाव की वजह से ही सिरदर्द होता है। तनावग्रस्त होने या थकावट महसूस करने से सिर और गर्दन की रक्त प्रवाह बाधित होती है जिसकी वजह से सिरदर्द महसूस होता है।रुक-रुक कर होने वाला सिरदर्द- कुछ बच्चों मे सिरदर्द की शिकायत रुक-रुक कर होती है। एक बार शुरू होने पर ये दर्द लगभग 15 मिनट तक रहता है। इस सिरदर्द में माथे की एक तरफ तेज दर्द होता है, जो बहुत कष्टदायी होता है। इस तरह के सिरदर्द की वजह से बेचैनी, आंखों में पानी आना, नाक बंद होने जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं।माइग्रेन- कुछ बच्चों को माइग्रेन का सिरदर्द भी हो सकता है। माइग्रेन की वजह से सिर के एक तरफ तेज दर्द होता है, इसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव होता है। माइग्रेन के दर्द में उल्टी, बेचैनी या मितली जैसी समस्या भी साथ में होने लगती है।ठीक से ना सोना- तनाव, नींद न आना और थकावट की वजह से भी बच्चों में सिरदर्द हो सकता है। जरूरत से ज्यादा शारीरिक गतिविधि, आंखों पर जोर पड़ने, फ्लू या वायरस इंफेक्शन की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। अगर आपका बच्चा सामान्य से अधिक सिरदर्द की शिकायत करता है, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
बच्चों में क्यों होता है सिरदर्द- पढ़ाई में अच्छा ना होना, अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव और शारीरिक गतिविधि का कम होना बच्चों में सिरदर्द के कुछ मुख्य कारण हैं। बच्चों की सेहत कैसी है, क्या उसे पहले कोई बीमारी रही है, इन सब बातों के जरिए सिरदर्द की वजह का पता लगाया जा सकता है। सिरदर्द की वजह पता लगने के बाद डॉक्टर को दिखा कर इसका इलाज भी कराया जा सकता है।बच्चों में सिरदर्द की कुछ आम वजहें हैं, जो ज्यादातर बच्चों में पाई जाती है। कई बच्चे इसी तरह के सिरदर्द की शिकायत करते हैं। तनाव की वजह से होने वाला दर्द- तनाव की वजह से होने वाला सिरदर्द माथे के दोनों तरफ दर्द होता है। इसकी वजह से सिर और गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है। टीनएजर्स और बच्चों में सबसे ज्यादा तनाव की वजह से ही सिरदर्द होता है। तनावग्रस्त होने या थकावट महसूस करने से सिर और गर्दन की रक्त प्रवाह बाधित होती है जिसकी वजह से सिरदर्द महसूस होता है।रुक-रुक कर होने वाला सिरदर्द- कुछ बच्चों मे सिरदर्द की शिकायत रुक-रुक कर होती है। एक बार शुरू होने पर ये दर्द लगभग 15 मिनट तक रहता है। इस सिरदर्द में माथे की एक तरफ तेज दर्द होता है, जो बहुत कष्टदायी होता है। इस तरह के सिरदर्द की वजह से बेचैनी, आंखों में पानी आना, नाक बंद होने जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं।माइग्रेन- कुछ बच्चों को माइग्रेन का सिरदर्द भी हो सकता है। माइग्रेन की वजह से सिर के एक तरफ तेज दर्द होता है, इसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव होता है। माइग्रेन के दर्द में उल्टी, बेचैनी या मितली जैसी समस्या भी साथ में होने लगती है।ठीक से ना सोना- तनाव, नींद न आना और थकावट की वजह से भी बच्चों में सिरदर्द हो सकता है। जरूरत से ज्यादा शारीरिक गतिविधि, आंखों पर जोर पड़ने, फ्लू या वायरस इंफेक्शन की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। अगर आपका बच्चा सामान्य से अधिक सिरदर्द की शिकायत करता है, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।