Vikrant Shekhawat : Nov 26, 2024, 09:45 AM
Donald Trump News: अमेरिकी राजनीति में हलचल मचाने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद एक और बड़ी घोषणा कर दी है। ट्रंप ने ऐलान किया है कि चीन, कनाडा और मेक्सिको से आयातित सामानों पर भारी टैरिफ लगाए जाएंगे। यह कदम वैश्विक व्यापार में नए समीकरण खड़ा कर सकता है और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गहरी प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकता है।
टैरिफ लगाने की योजना
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर स्पष्ट किया कि वे 20 जनवरी को सत्ता संभालने के तुरंत बाद इस पर हस्ताक्षर करेंगे। उनकी योजना के अनुसार:- चीन से आने वाले सामानों पर 10% टैरिफ: ट्रंप का कहना है कि यह कदम चीन से जुड़े व्यापार असंतुलन को सुधारने के लिए है।
- कनाडा और मेक्सिको से आयात पर 25% टैरिफ: ट्रंप का दावा है कि यह सीमा पार से अपराध और ड्रग्स को रोकने का हिस्सा है।
सीमा सुरक्षा और ड्रग्स के खिलाफ कड़ा रुख
ट्रंप ने सीमा पार से बढ़ते अपराध और ड्रग्स की समस्या को लेकर कनाडा और मेक्सिको पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मेक्सिको और कनाडा के जरिए बड़ी मात्रा में ड्रग्स और अपराध अमेरिका में प्रवेश कर रहे हैं। उनका मानना है कि टैरिफ बढ़ाने से इन गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी।ट्रंप ने चीन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने चीनी अधिकारियों से कई बार ड्रग्स के व्यापार पर रोक लगाने की बात की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चीन से आने वाले फेंटेनल जैसी घातक दवाओं को एक बड़ा खतरा बताया।ऊर्जा और बिजली की कीमतों में कटौती का वादा
ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान ऊर्जा और बिजली की कीमतों को कम करने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी योजना के तहत अमेरिका अगले 12 महीनों में बिजली की कीमतों को आधा कर देगा और ऊर्जा उत्पादन को दोगुना करेगा।वैश्विक व्यापार पर संभावित प्रभाव
इस घोषणा का अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।- चीन: चीन के साथ पहले से ही व्यापारिक तनाव बढ़ा हुआ है। अतिरिक्त टैरिफ लगाने से दोनों देशों के संबंधों में और खटास आ सकती है।
- कनाडा और मेक्सिको: अमेरिका के करीबी पड़ोसी देशों पर उच्च टैरिफ लगाने से व्यापार समझौतों पर असर पड़ सकता है और इन देशों से आयातित उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
- अमेरिकी बाजार: इन टैरिफ का सीधा असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा, क्योंकि आयातित सामान महंगे हो सकते हैं।