महाराष्ट्र / ड्रग पेडलर्स के ज़रिए परिवार को फंसाने की कोशिश हो रही, एक ने बहन से संपर्क किया: समीर

आर्यन खान से जुड़े मुंबई क्रूज़ ड्रग्स मामले की जांच कर रहे एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े ने दावा किया है कि ड्रग पेडलर्स के ज़रिए उनके परिवार को फंसाने की कोशिश की जा रही है। बकौल वानखेड़े, "सलमान नामक एक ड्रग तस्कर ने मेरी बहन से संपर्क किया था...जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है और वह जेल में है।"

मुंबई: मुंबई (Mumbai) एनसीबी (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि, उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को ड्रग पेडलर्स (Drug Peddlers) के ज़रिए ट्रैप करने की साजिश की गई थी। समीर वानखेड़े ने बताया कि, सलमान नाम का एक शख्स ने उंनकी बहन से संपर्क किया था, लेकिन वह एनडीपीएस के मामले नहीं लेती, इसलिए उसने उसे वापस भेज दिया। वानखेड़े की बहन पेशे से एक वकील हैं। 

वानखेड़े ने नवाब मलिक के आरोपों पर कहा कि, सलमान ने बिचौलिए के जरिए हमें फंसाने की कोशिश की थी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और वह जेल में है। व्हाट्सएप चैट शेयर कर लगाए जा रहे झूठे आरोप।

उन्होंने कहा, हमें फंसाने की कोशिश करने वाले बिचौलिए ने इस साल की शुरुआत में मुंबई पुलिस को झूठी शिकायत दी थी। उसमें कुछ नहीं निकला। उसके बाद मेरे परिवार को फंसाने के लिए सलमान जैसे पेडलर्स का इस्तेमाल किया गया। ऐसी भी कोशिशें चल रही हैं, इसके पीछे ड्रग माफिया हैं।

वहीं समीर वानखेड़े ने नवाब मलिक के उनपर लगाए गए महंगे कपडे, घड़ी और लाइफस्टाइल को लेकर कहा, ‘जहां तक मेरे महंगे कपड़े का सवाल है, यह सिर्फ एक अफवाह है। उन्हें (नवाब मलिक) को कम जानकारी है और उन्हें इन बातों का पहले पता लगाना चाहिए। 

मलिक ने दावा किया कि अधिकारी एक लाख रुपये की पेंट, 70 हजार रुपये से अधिक मूल्य की कमीज तथा 25-50 लाख रुपये की घड़ियां पहनते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ एक ईमानदार और सच्चा अधिकारी इतने महंगे कपड़े कैसे खरीद सकता है? उन्होंने दूसरे लोगों को गलत तरीके से फंसा कर करोड़ों रुपये की वसूली की है।”

मलिक ने कहा कि एनसीबी अधिकारी के पास काम करने के लिए एक निजी सेना है। मलिक ने यह भी दावा किया कि पिछले 15 दिनों से नवी मुंबई के रायगड़ जिले में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीटी) में मादक पदार्थ के तीन कंटेनर पड़े हैं। उन्होंने सवाल किया कि राजस्व खुफिया विभाग द्वारा इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? जेएनपीटी को नावा शेवा बंदरगाह भी कहा जाता है।