Vikrant Shekhawat : Oct 26, 2020, 09:23 AM
समस्तीपुर में दुर्गा माता का एक ऐसा मंदिर है जहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मन्नत माँगने के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि मन्नत पूरी होने पर दुर्गा पूजा के मौके पर बकरे की बलि दी जाती है। इस बार मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालुओं ने रविवार को 288 बकरों की बलि दी है। बता दें कि यहां महाष्टमी की रात को छप्पन भोग महाप्रसाद चढ़ाने और मन्नतें पूरी होने पर बलि देने की प्रथा है।समस्तीपुर जिले के विघापतिनगर ब्लॉक के मऊ बाजार में स्थित पुराना दुर्गा मंदिर कई वर्षों से भक्तों की आस्था और विश्वास का केंद्र रहा है। सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है जिसे मऊ वाली मइया के नाम से जाना जाता है। मनोकामनाएं पूरी होने पर भक्त बकरे को चढ़ाते हैं। क्षेत्र में सबसे पुराना दुर्गा मंदिर होने के नाते, भक्त यहां बस्तियन और शारदीय नवरात्रि के दौरान आते हैं।देवी दुर्गा की भव्य मूर्ति लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। बड़ों के अनुसार, 200 से अधिक वर्षों से यहां माता की पूजा जारी है। मन्नत पूरी होने पर भक्तों और महिलाओं की भीड़ यहां महाष्टमी और नवमी को उमड़ती है।यहां पर भक्तों द्वारा कपड़े, आभूषण, चुनरी और प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। 2005 में, जयपुर से एक भव्य संगमरमर की देवी दुर्गा की एक मूर्ति स्थापित की गई थी। पुजारी विमल कुमार झा बताते हैं कि माता के दरबार में जाने वाले भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। मनोकामना देवी के रूप में प्रसिद्ध, कोई भी इस मंदिर से खाली हाथ नहीं लौटता है। इस बार भी कई लोगों की मुरादें पूरी हुई हैं।