News18 : Jul 22, 2020, 04:36 PM
जोधपुर। राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से बुधवार को सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के बड़े भाई के ठिकानों पर की गई कार्रवाई से हड़कंप मच गया। ईडी ने गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के पावटा चौराहे पर स्थित दुकान और 9 मील पर स्थित उनके मकान सहित फार्म हाउस छापा मारा। ईडी आज जिस मामले की जांच करने पहुंची है वह काफी पुराना है। गुजरात में गत विधानसभा चुनाव के दौरान गहलोत को घेरने के लिए बीजेपी ने इस उर्वरक घोटाले को उछाला था।
यह है पूरा मामलादरअसल वर्ष 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की कमान अशोक गहलोत ने थाम रखी थी। उस समय बीजेपी ने गहलोत को निशाना बनाते हुए यह आरोप लगाया था कि वर्ष 2007 से 2009 के बीच राजस्थान में उर्वरक सब्सिडी में चोरी का एक बड़ा मामला हुआ था। उस समय अशोक गहलोत प्रदेश के सीएम थे और केंद्र में डॉ। मनमोहन सिंह की सरकार थी। यह मामला कस्टम अधिकारियों के द्वारा की गई एक कार्रवाई में सामने आया था।उर्वरक घरेलू खपत के लिए मान्य हैउर्वरक घरेलू खपत के लिए मान्य है और इसका निर्यात प्रतिबंधित है। आरोप लगाया गया था कि जो उर्वरक किसानों को सस्ती दर पर उपलब्ध कराया जाता है उसमें निजी कंपनियों को शामिल कर इसमें घोटाला किया गया है। इसके साथ ही यह आरोप भी था कि अग्रसेन गहलोत ने इंडियन पोटाश लिमिटेड से एमओपी खरीद कर किसानों को उर्वरक उपलब्ध नहीं कराया। इसके बजाय उन लोगों को बेच दिया जो इसका निर्यात करते हैं। इससे अग्रसेन गहलोत ने काफी पैसा कमाया।
अभी जारी है ईडी का ऑपरेशनउस समय अग्रसेन गहलोत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि हो सकता है कि कुछ बिचौलियों ने किसानों के नाम पर उनसे एमओपी खरीद कर उसका निर्यात कर दिया हो। उन्होंने किसी बिचौलिये को सीधे एमओपी नहीं बेचा। इसी मामले में हुई वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने आज ईडी अग्रसेन गहलोत के घर पहुंची है। ईडी अभी अपना ऑपरेशन जारी रखे हुए है। अग्रसेन गहलोत का खाद-बीज का व्यवसाय है। ईडी की इस कार्रवाई से पहले कल गहलोत ने जोधपुर में अपने परिवारजनों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के संकेत भी दिए थे।
यह है पूरा मामलादरअसल वर्ष 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की कमान अशोक गहलोत ने थाम रखी थी। उस समय बीजेपी ने गहलोत को निशाना बनाते हुए यह आरोप लगाया था कि वर्ष 2007 से 2009 के बीच राजस्थान में उर्वरक सब्सिडी में चोरी का एक बड़ा मामला हुआ था। उस समय अशोक गहलोत प्रदेश के सीएम थे और केंद्र में डॉ। मनमोहन सिंह की सरकार थी। यह मामला कस्टम अधिकारियों के द्वारा की गई एक कार्रवाई में सामने आया था।उर्वरक घरेलू खपत के लिए मान्य हैउर्वरक घरेलू खपत के लिए मान्य है और इसका निर्यात प्रतिबंधित है। आरोप लगाया गया था कि जो उर्वरक किसानों को सस्ती दर पर उपलब्ध कराया जाता है उसमें निजी कंपनियों को शामिल कर इसमें घोटाला किया गया है। इसके साथ ही यह आरोप भी था कि अग्रसेन गहलोत ने इंडियन पोटाश लिमिटेड से एमओपी खरीद कर किसानों को उर्वरक उपलब्ध नहीं कराया। इसके बजाय उन लोगों को बेच दिया जो इसका निर्यात करते हैं। इससे अग्रसेन गहलोत ने काफी पैसा कमाया।
अभी जारी है ईडी का ऑपरेशनउस समय अग्रसेन गहलोत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि हो सकता है कि कुछ बिचौलियों ने किसानों के नाम पर उनसे एमओपी खरीद कर उसका निर्यात कर दिया हो। उन्होंने किसी बिचौलिये को सीधे एमओपी नहीं बेचा। इसी मामले में हुई वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने आज ईडी अग्रसेन गहलोत के घर पहुंची है। ईडी अभी अपना ऑपरेशन जारी रखे हुए है। अग्रसेन गहलोत का खाद-बीज का व्यवसाय है। ईडी की इस कार्रवाई से पहले कल गहलोत ने जोधपुर में अपने परिवारजनों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के संकेत भी दिए थे।