देश / कांग्रेस के कारण शिवसेना से बागी हो गए एकनाथ शिंदे, 2 दिन पहले आदित्य ठाकरे और संजय राउत से हुआ था झगड़ा

उद्धव ठाकरे की सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे ने बागी तेवर अपनना लिए हैं। उन्होंने राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार को संकट में डाल दिया है। उनके विद्रोह से दो दिन पहले राज्य के कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे और शिवसेना सांसद संजय राउत के साथ पवई के एक होटल में उनकी तीखी बहस हुई थी। आपको बता दें कि यहां शिवसेना के विधायकों को विधानपरिछद चुनाव के लिए ठहराया गया था।

Vikrant Shekhawat : Jun 22, 2022, 07:34 AM
MH: उद्धव ठाकरे की सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे ने बागी तेवर अपनना लिए हैं। उन्होंने राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार को संकट में डाल दिया है। उनके विद्रोह से दो दिन पहले राज्य के कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे और शिवसेना सांसद संजय राउत के साथ पवई के एक होटल में उनकी तीखी बहस हुई थी। आपको बता दें कि यहां शिवसेना के विधायकों को विधानपरिछद चुनाव के लिए ठहराया गया था। 

एक सूत्र ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए अतिरिक्त वोटों का उपयोग करने को लेकर उनके बीच में विवाद हुआ था। शिंदे कांग्रेस कैंडिडेट को वोट देने का विरोध कर रहे थे। कांग्रेस उम्मीदवार भाई जगताप को उनकी जरूरत के वोट जरूर मिले, लेकिन दूसरे उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे चुनाव हार गए।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्र ने कहा, “दो दिन पहले विधान परिषद चुनावों के लिए वोटों के उपयोग पर मुंबई के एक होटल में बातचीत हो रही थी। एकनाथ शिंदे की संजय राउत और आदित्य ठाकरे से असहमति थी। शिंदे कांग्रेस के उम्मीदवारों को एमएलसी के रूप में चुने जाने के लिए शिवसेना के विधायकों के वोटों का उपयोग करने के खिलाफ थे। दोनों पक्षों के बीच की यह बहस तीखी नोकझोंक में बदल गया। ऐसा लगता है कि यह विद्रोह का एक निर्णायक कारक हो सकता है।”

सूत्र ने कहा कि शिवसेना में जो कुछ भी हो रहा था उससे एकनाथ शिंदे पिछले कुछ महीनों से नाराज चल रहे थे। वह नाखुश थे। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी इसके बारे में सचेत कर दिया था।

कांग्रेस के पास केवल एक कैंडिडेट के लिए जरूरी मत थे। हालांकि, उसने दो उम्मीदवार मैदान में उतारे। कांग्रेस द्वारा जारी की गई सूची में पहले उम्मीदवार के रूप में हंडोरे का नाम था। लोगों को लग रहा था कि वह चुनाव जीतेंगे। जबकि दूसरे उम्मीदवार भाई जगताप को कड़ी लड़ाई का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उन्हें जीतने के लिए पार्टी के सहयोगियों से वोटों की आवश्यकता होगी।

लेकिन जगताप विजयी हुए और हंडोरे हार गए। बीजेपी ने पांच सीटें जीती थीं, वहीं शिवसेना और एनसीपी ने दो-दो सीटें जीती थीं।