Maharashtra News: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर गहमागहमी का दौर जारी है। राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया को लेकर लगातार बैठकों का आयोजन हो रहा है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। जहां एक ओर देवेंद्र फडणवीस का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे प्रबल माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर एकनाथ शिंदे और अन्य नेताओं के बीच मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठकें
सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरणों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक के बाद महाराष्ट्र भाजपा के पर्यवेक्षकों के नामों की घोषणा भी की जानी है।
भाजपा विधायक दल की बैठक 4 दिसंबर को
भाजपा सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल की बैठक 4 दिसंबर को मुंबई में आयोजित होगी। सभी विधायकों को मुंबई पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। इस बैठक में भाजपा अपने नेता का चयन करेगी, जिसके बाद महायुति के नेताओं की ओर से राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा।
एकनाथ शिंदे की भूमिका पर सवाल
इस बीच, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनका कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह पर विश्वास जताते हुए कहा है कि वे भाजपा के निर्णय का समर्थन करेंगे। हालांकि, सूत्रों की मानें तो शिंदे गृह मंत्रालय की मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि भाजपा इस मंत्रालय को उनके हाथ में देने को तैयार नहीं दिख रही है।
शिंदे की तबीयत और बैठकें रद्द
शिंदे की तबीयत खराब होने के कारण उनकी मंगलवार की सभी बैठकें रद्द कर दी गईं। वे फिलहाल ठाणे में हैं और डॉक्टरों की सलाह पर आराम कर रहे हैं। इस बीच, उनके आवास पर कुछ विधायकों का पहुंचना भी तय था, लेकिन सभी मुलाकातें स्थगित कर दी गई हैं।
महायुति की बैठक पर नजरें
महायुति के दलों के बीच अभी तक कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, यह बैठक बुधवार को आयोजित हो सकती है। इस दौरान मंत्रालयों के बंटवारे और सरकार की प्राथमिकताओं पर चर्चा होने की संभावना है।
क्या कहता है राजनीतिक परिदृश्य?
महाराष्ट्र की राजनीति में सत्ता का संतुलन बनाने के लिए भाजपा, एनसीपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच सामंजस्य आवश्यक है। हालांकि, गृह मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग को लेकर खींचतान ने सरकार गठन की प्रक्रिया को जटिल बना दिया है।एकनाथ शिंदे की सार्वजनिक स्वीकृति और भाजपा की स्पष्ट रणनीति से यह तो तय है कि महाराष्ट्र को जल्द ही नई सरकार मिलेगी। हालांकि, किसकी भूमिका क्या होगी और कौन सा मंत्रालय किसके पास जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा। महाराष्ट्र की जनता अब इस राजनीतिक गतिरोध के समाप्त होने और स्थिर सरकार बनने की प्रतीक्षा कर रही है।