Vikrant Shekhawat : Feb 23, 2022, 11:41 AM
चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों ने 72 घंटे की हड़ताल खत्म कर दी है। हड़ताल 21-22 फरवरी की रात से शुरू हुई थी। सूत्रों के अनुसार कुछ ही घंटों में पूरे शहर में बिजली की आपूर्ति सामान्य कर दी जाएगी। हड़ताल के कारण शहर के अधिकांश हिस्सों में बिजली गुल है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ रही है। चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में 30 साल बाद एस्मा लगाया है।निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों की हड़ताल से चंडीगढ़ में ब्लैकआउट रहा है। शहर के तमाम इलाकों में सोमवार रात 12 बजे गई बिजली मंगलवार देर रात तक नहीं आई थी। चंडीगढ़ प्रशासन और बिजली विभाग स्थिति संभालने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ। न तो बिजली कर्मचारियों को मना पाए और न ही कोई बैकअप प्लान तैयार किया। देर रात चंडीगढ़ प्रशासन ने सेना की मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) की मदद लेने का फैसला लिया। सोमवार रात से 72 घंटे की हड़ताल पर गए कर्मचारियों पर दबाव बनाने के लिए देर शाम प्रशासन ने एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लागू कर दिया। हालांकि बुधवार सुबह कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म कर दी। बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ हड़ताल बिजलीकर्मियों की ये हड़ताल केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण की फाइल को क्लीयर कर बिजली का काम निजी कंपनी एमीनेंट को देने के खिलाफ है। यूनियन का आरोप है कि प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर बिजली विभाग का निजीकरण किया है। कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। पंजाब-हरियाणा से मांगी थी मदद लेकिन नहीं मिलीबिजली संकट से उबरने के लिए प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा से प्रशिक्षित कर्मचारियों की मांग की। पंजाब ने मदद करने में असमर्थता जाहिर कर दी, जबकि हरियाणा की तरफ से प्रशासन को कोई जवाब नहीं मिला था। मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी भी प्रभावितचंडीगढ़ के बिजली विभाग में कर्मचारी संघ की हड़ताल के कारण शहर के कुछ हिस्सों में बिजली गुल हो गई है। इसने दूरसंचार टावरों को प्रभावित किया है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी में बाधा आ रही है। टेलीकॉम ऑपरेटर और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के अभाव में वैकल्पिक स्रोतों की बैटरी, डीजी, सोलर पैनल आदि का उपयोग कर अपनी साइटों, एक्सचेंजों आदि को बिजली प्रदान कर रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एसपी कोचर, डीजी, सीओएआई अगले छह माह हड़ताल नहीं कर सकेंगे बिजली कर्मचारीबिजली कर्मचारियों की हड़ताल को जबरन खत्म कराने के लिए प्रशासन ने चंडीगढ़ में छह महीने के लिए आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगा दिया है। प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था। आदेश में लिखा कि जनहित में हड़ताल पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।उधर, बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की जानकारी होते हुए भी वैकल्पिक व्यवस्था करने में नाकाम रहा चंडीगढ़ प्रशासन मंगलवार देर शाम हरकत में आया। इसकी वजह भी हाईकोर्ट का हड़ताल को लेकर लिया गया स्वत: संज्ञान रहा। प्रशासन ने पूर्वी पंजाब के आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) 1968 के उप धारा-3 के तहत इंजीनियरिंग विभाग के इलेक्ट्रिसिटी विंग के कर्मचारियों के अगले छह माह तक हड़ताल करने पर पूरी तरह रोक लगा दी है।प्रशासन के गृह विभाग की ओर से सलाहकार धर्मपाल ने देर शाम एक आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि बिजली विभाग की हड़ताल से वितरण, हस्तांतरण (ट्रांसमिशन), संचालन और रखरखाव पर असर पड़ा है। बिजली एक अनिवार्य सेवा है, लिहाजा लोगों को इससे परेशानियां झेलनी पड़ी हैं, इसलिए हड़ताल पर रोक जरूरी है और ये जनहित में है। अगले छह माह तक बिजली विभाग के कर्मचारी कोई हड़ताल नहीं कर सकते।